नयी दिल्ली, 20 मई (भाषा) आईडीएफसी फर्स्ट बैंक ने मंगलवार को कहा कि उसे वैश्विक निजी इक्विटी फर्म वारबर्ग पिन्कस की इकाई द्वारा निदेशक की नियुक्ति से संबंधित मामले के सुलझने का भरोसा है। इस नियुक्ति को शेयरधारकों ने मंजूरी नहीं दी थी।
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के शेयरधारकों ने बैंक के निदेशक मंडल में वारबर्ग पिंन्कस की इकाई करंट सी इन्वेस्टमेंट्स बी वी के एक गैर-कार्यकारी निदेशक को नामित करने के प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया है।
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक ने मंगलवार को शेयर बाजार को दी सूचना में कहा, ‘‘ कंपनी गठन के नियमों में निदेशक को नामित करने के अधिकार के संबंध में (जिसे अपेक्षित बहुमत प्राप्त नहीं है) हमें विश्वास है कि हम इस मामले को सुलझा लेंगे और हम साथ ही अन्य शेष विनियामक अनुमोदन प्राप्त करने की दिशा में भी आगे बढ़ रहे हैं।’’
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के निदेशक मंडल ने पिछले महीने निवेशक वारबर्ग पिन्कस एलएलसी की सहयोगी कंपनी करंट सी इन्वेस्टमेंट्स बी वी को लगभग 4,876 करोड़ रुपये के तरजीही इक्विटी निर्गम को मंजूरी दी थी।
इसके बाद, बैंक ने बैंक के गठन के नियमों एवं शर्तों में संशोधन करने के लिए डाक मतपत्र के माध्यम से शेयरधारकों की अनुमति मांगी। इसने करंट सी इन्वेस्टमेंट्स बी वी (या इसके किसी भी नियुक्त व्यक्ति) को एक विशेष प्रस्ताव के माध्यम से एक गैर-सेवानिवृत्त गैर-कार्यकारी निदेशक को नामित करने का अधिकार प्रदान करने के लिए उनकी स्वीकृति मांगी।
शेयर बाजार को सोमवार को बताया गया कि डाक मतपत्र के परिणामों के अनुसार, केवल 64.10 प्रतिशत मत प्रस्ताव के पक्ष में थे, जबकि 35.90 प्रतिशत इसके खिलाफ थे।
कंपनी कानून के तहत, किसी प्रस्ताव के पक्ष में कम से कम 75 प्रतिशत वोट मिलने पर ही विशेष प्रस्ताव पारित किया जाता है।