नयी दिल्ली, 18 मई (भाषा) दुनिया की कई परामर्शक कंपनियों ने वेदांता लिमिटेड की कई क्षेत्रों में फैली 20 अरब डॉलर की विस्तार परियोजनाओं को लागू करने में रुचि दिखाई है। एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि धातु क्षेत्र की प्रमुख कंपनी चालू तिमाही में परामर्शक कंपनी का चयन करेगी।
वेदांता अगले तीन साल में अपने परिचालन का महत्वपूर्ण विस्तार करने की योजना बना रही है, क्योंकि यह चार इकाइयों- वेदांता एल्युमीनियम, तेल और गैस, बिजली, और लौह एवं इस्पात में पुनर्गठन कर रही है।
वेदांता लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक अरुण मिश्रा ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा, ‘‘इसलिए, हमने एक वैश्विक रुचि पत्र (ईओआई) जारी किया है। इसपर हमें काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। हम कुछ सप्ताह के समय में भागीदार का चयन कर लेंगे। कारोबार के विभाजन के बाद, हमारे पास कई सूचीबद्ध व्यवसाय होंगे।’’
मिश्रा ने विस्तार परियोजना में रुचि दिखाने वाली कंपनियों का नाम पूछे जाने पर कहा, ‘‘भारत और दुनिया भर में कई बड़ी वैश्विक परामर्श कंपनियों के बारे में सोचें, उन सभी ने इसमें रुचि दिखाई है।’’
कंपनी अगले तीन साल में धातु, खनन और हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में विकास परियोजनाओं पर 20 अरब अमेरिकी डॉलर खर्च करेगी। ये परियोजनाएं इसके मौजूदा परिचालन का विस्तार हैं।
खनन कंपनी ने अपनी विभाजन योजना को संशोधित किया है और धातु उपक्रम को मूल कंपनी में बनाए रखने का फैसला किया है। कंपनी को उम्मीद है कि उसका कारोबार विभाजन इस साल सितंबर अंत तक पूरा हो जाएगा।
वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने इससे पहले कहा था कि कंपनी के विविध कारोबार के विभाजन के बाद हम देखेंगे कि यह संपत्ति प्रबंधक से संपत्ति की मालिक बन जाएगी। कंपनी के विविध कारोबार क्षेत्रों में 15 से अधिक जिंस उत्पाद आते हैं।
अग्रवाल ने कहा कि जैसे-जैसे कंपनी बदलाव के दौर से गुजर रही है, वेदांता अपने संपत्ति आधार को मजबूत कर रही है और खुद को प्रत्येक कारोबार में वैश्विक अगुवा के रूप में स्थापित करने का प्रयास कर रही है।
धातु क्षेत्र की दिग्गज कंपनी का एकीकृत शुद्ध लाभ मार्च में समाप्त तिमाही में बढ़कर 3,483 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह 1,369 करोड़ रुपये था। तिमाही के दौरान कंपनी की आमदनी 36,093 करोड़ रुपये से बढ़कर 41,216 करोड़ रुपये हो गई।