नयी दिल्ली, 16 मई (भाषा) दैनिक उपयोग के सामान बनाने वाली कंपनी नेस्ले इंडिया के चेयरमैन सुरेश नारायणन ने शुक्रवार को भारतीय कॉरपोरेट जगत में अच्छे नेतृत्व की कमी पर जोर देते हुए कहा कि नैतिकता एवं सहानुभूति के साथ संकट से निपटने वाले लोगों को प्रोत्साहन देने की जरूरत है।
नारायणन ने कहा कि आज के समय में कार्यस्थल पर काफी दबाव होने से ऐसे नेतृत्व की जरूरत है जो नैतिकता और सहानुभूति के साथ संकटों को संभाल सकें, कर्मचारियों के साथ जुड़ सकें और विश्वास का माहौल बना सकें।
नारायणन ने यहां ‘एचआर एंड एलएंडडी’ सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि एक अच्छे नेता को व्यक्तिगत हितों से ऊपर संगठन और कर्मचारियों की भलाई को प्राथमिकता देनी चाहिए।
उन्होंने कॉरपोरेट जगत से ऐसे सक्षम और नैतिक नेतृत्व को विकसित करने का आग्रह किया, जिनका मूल्यांकन केवल वित्तीय प्रदर्शन के आधार पर न किया जाए। निवेशकों को भी संगठन के स्थायी नेतृत्व को उसके मूल्य निर्धारण के एक महत्वपूर्ण कारक के रूप में देखना चाहिए।
नारायणन ने कहा, “एक नेता को परिस्थितियों को समझने और भविष्य की राह तय करने, अपने मूल्यों के हिसाब से जीने और लोगों की क्षमता को विकसित करने की क्षमता के आधार पर आंका जाना चाहिए।”
उन्होंने आत्म-विश्वास, निःस्वार्थ भाव और संगठनात्मक संस्कृति को प्राथमिकता देने जैसे नेतृत्व के मूलभूत तत्वों पर जोर दिया।
नारायणन ने संगठनात्मक विफलताओं के लिए खराब रणनीति के बजाय खराब नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराया।