
मुंबई, 15 मई (भाषा) चौतरफा लिवाली और विदेशी संस्थागत निवेशकों के पूंजी प्रवाह से स्थानीय शेयर बाजार में बृहस्पतिवार को लगातार दूसरे दिन तेजी जारी रही और बीएसई सेंसेक्स 1,200 अंक चढ़ गया। वहीं एनएसई निफ्टी सात महीने बाद फिर से 25,000 अंक के पार पहुंच गया।
तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 1,200.18 अंक यानी 1.48 प्रतिशत उछलकर सात महीने के उच्चस्तर 82,530.74 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स में शामिल 29 शेयर लाभ में रहे।
सूचकांक कारोबार के पहले चरण में सीमित दायरे में रहा। लेकिन दोपहर कारोबार में बैंक, वाहन, आईटी तथा तेल एवं गैस शेयरों में अच्छी लिवाली से बाजार में तेज बढ़त देखने को मिली। सेंसेक्स एक समय 1,387.58 अंक तक चढ़ गया था।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 395.20 अंक यानी 1.60 प्रतिशत की बढ़त के साथ सात महीने के उच्चस्तर 25,062.10 अंक पर बंद हुआ। इससे पहले, 15 अक्टूबर, 2025 को निफ्टी 25,000 अंक के ऊपर बंद हुआ था।
जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘घरेलू मुद्रास्फीति में गिरावट और भारत के साथ संभावित व्यापार समझौते के बारे में अमेरिका से सकारात्मक संकेतों के कारण बाजार में जोरदार तेजी आई और यह अच्छी बढ़त के साथ बंद हुआ।’’
नायर ने कहा कि वाहन और रियल एस्टेट जैसे ब्याज दर-से जुड़े क्षेत्रों ने तेजी की अगुवाई की। उद्योग के सकारात्मक पूर्वानुमान से भी इसे समर्थन मिला। निवेशकों का ध्यान अब फेडरल रिजर्व के प्रमुख के आगामी संबोधन पर है। इससे विशेष रूप से अमेरिकी मुद्रास्फीति के आंकड़ों में हाल ही में आई नरमी के बीच भविष्य की नीति रूपरेखा को लेकर चीजें और स्पष्ट होने की उम्मीद है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि भारत ने अमेरिकी वस्तुओं पर सभी शुल्क हटाने की पेशकश की है।
सेंसेक्स के शेयरों में टाटा मोटर्स में सबसे ज्यादा चार प्रतिशत से अधिक की तेजी रही। इसके अलावा एचसीएल टेक, अदाणी पोर्ट्स, इटर्नल, मारुति, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एशियन पेंट्स, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, भारती एयरटेल और इन्फोसिस प्रमुख रूप से लाभ में रहे।
सेंसेक्स में शामिल शेयरों में एकमात्र इंडसइंड बैंक में गिरावट आई।
छोटी कंपनियों से जुड़ा बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक 0.94 प्रतिशत चढ़ा जबकि मझोली कंपनियों से संबंधित बीएसई मिडकैप 0.67 प्रतिशत के लाभ में रहा।
मेहता इक्विटीज लि. के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) प्रशांत तापसे ने कहा, ‘‘शुरुआती कारोबार में मानक सूचकांकों में तेजी से उतार-चढ़ाव देखने को मिला, लेकिन यूरोपीय और अन्य एशियाई बाजारों में नरमी के बावजूद चौतरफा लिवाली के समर्थन से इसने जल्दी ही अपनी खोई हुई गति हासिल कर ली और इसके बाद इसमें तेज बढ़त दर्ज की गयी।’’
बीएसई में 2,639 शेयरों में तेजी आई, जबकि 1,325 शेयरों में गिरावट आई और 150 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ।
एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में रहे।
यूरोप के प्रमुख बाजारों में दोपहर के कारोबार में मिला-जुला रुख था। अमेरिकी बाजार भी बुधवार को मिले-जुले रुख के साथ बंद हुए थे।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 3.65 प्रतिशत की गिरावट के साथ 63.68 डॉलर प्रति बैरल रहा।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बुधवार को 931.80 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे।
सेंसेक्स बुधवार को 182.34 अंक लाभ में रहा था जबकि निफ्टी में 88.55 अंक की तेजी थी।