
जब हम रात के आसमान की ओर देखते हैं तो लगता है कि सब कुछ शांति से स्थिर है लेकिन सच्चाई इसके बिल्कुल विपरीत है। ब्रह्मांड, जिसे हम कभी टेलीस्कोप से तो कभी कल्पना से समझने की कोशिश करते हैं, वह रहस्यों का एक अंतहीन महासागर है। विज्ञान हर रोज़ इसकी परतें खोलता है लेकिन जितना जानता है, उतना ही नया अनजाना संसार सामने आता है।
पेश हैं ऐसे 10 ब्रह्मांडीय तथ्य जो न केवल सच हैं बल्कि इतने हैरतअंगेज़ हैं कि पढ़ते ही दिमाग कहेगा -“क्या वाकई ऐसा है?”
1. ब्रह्मांड का 95% हिस्सा अदृश्य है!
हम जिन तारे, ग्रह और धूल के बादलों को देख पाते हैं, वे केवल 5% ब्रह्मांड हैं। शेष 95% हिस्सा डार्क मैटर और डार्क एनर्जी का है। ऐसी रहस्यमयी शक्तियाँ जिन्हें न देखा जा सकता है, न सीधे मापा जा सकता है।
2. ब्लैक होल के पास समय थम सा जाता है
ब्लैक होल के शक्तिशाली गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में समय धीमा हो जाता है। वहाँ अगर कोई होता तो बाहर की दुनिया उसकी तुलना में बहुत तेजी से आगे बढ़ जाती, जैसे विज्ञान-फिक्शन की कहानियाँ हकीकत बन जाएं।
3. एक चम्मच न्यूट्रॉन स्टार = माउंट एवरेस्ट से भारी
न्यूट्रॉन स्टार इतने घने होते हैं कि इनका एक चम्मच भर पदार्थ अरबों टन वजनी होता है। यह पदार्थ ब्रह्मांड का सबसे सघन और अद्भुत रूप है।
4. UY Scuti : सूरज से 1,700 गुना बड़ा तारा
UY Scuti, अब तक ज्ञात सबसे विशाल तारा है। अगर इसे हमारे सौरमंडल में रखा जाए तो यह शनि ग्रह से भी आगे पहुँच जाएगा!
5. HD 189733b : जहाँ बारिश काँच की होती है
यह नीला ग्रह भले ही सुंदर दिखे लेकिन यहाँ काँच के महीन कणों की बारिश होती है जो 7,000 किमी/घंटा की रफ्तार से गिरते हैं। यह कल्पना से भी अधिक भयानक है।
6. 55 Cancri e : हीरे से बना ग्रह
यह पृथ्वी से दो गुना बड़ा ग्रह इतने उच्च तापमान और कार्बन से भरपूर है कि वैज्ञानिक मानते हैं कि इसका बड़ा हिस्सा हीरे का बना हो सकता है – एक असली “हीरे का संसार”!
7. अंतरिक्ष में पूर्ण मौन है
अंतरिक्ष में न हवा है, न माध्यम। इसलिए वहाँ कोई आवाज़ नहीं गूंजती। वहाँ का मौन इतना गहरा है कि उसे केवल महसूस किया जा सकता है।
8. सुपरनोवा : एक तारे का विस्फोट, अरबों सूरज के बराबर
जब कोई विशाल तारा अपना जीवन समाप्त करता है, तो वह सुपरनोवा बनकर फटता है। उस क्षण उसकी चमक इतनी होती है कि वह अरबों सूरजों से भी अधिक तेज़ दिखता है।
9. मिल्की वे और एंड्रोमेडा गैलेक्सियाँ टकराएँगी!
करीब 4.5 अरब वर्षों बाद, हमारी आकाशगंगा “मिल्की वे” और निकटतम विशाल आकाशगंगा “एंड्रोमेडा” आपस में टकराकर एक नई महाकाय आकाशगंगा बनाएंगी – “मिल्कड्रोमेडा”।
10. कोस्मिक वेब : ब्रह्मांड की असली बनावट
गैलेक्सियाँ ब्रह्मांड में बेतरतीब नहीं हैं। वे एक विशाल कोस्मिक वेब जैसी संरचना में फैली हुई हैं। धागों और गांठों की जटिल दुनिया, जो पूरे ब्रह्मांड को जोड़ती है।
ब्रह्मांड केवल अनगिनत तारों का समुच्चय नहीं, बल्कि असंख्य रहस्यों की जीवित प्रयोगशाला है। जितना हम इसे समझने की कोशिश करते हैं, उतना ही यह और अधिक जटिल और सुंदर प्रतीत होता है। शायद हमारा ब्रह्मांड स्वयं एक कविता है जिसे सितारों और ग्रहों ने मिलकर लिखा है।