इस्लामाबाद, पांच मई (भाषा) पाकिस्तान के असैन्य और सैन्य नेतृत्व ने पहलगाम आतंकवादी हमले के मद्देनजर भारत के साथ तनाव के संबंध में देश के राजनीतिक दलों को जानकारी दी।
डॉन अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार, बंद कमरे में हुई इस बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) को छोड़कर सभी प्रमुख दलों ने हिस्सा लिया।
अखबार ने बैठक से जुड़े एक सूत्र के हवाले से बताया कि पाकिस्तानी राजनीतिक नेताओं ने संकल्प लिया कि यदि भारत कोई “दुस्साहस” दिखाता है तो वे इसका कड़ा जवाब देंगे।
बैठक में ‘इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस’ (आईएसपीआर) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी और सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार द्वारा भारत-पाक तनाव पर जानकारी दी गई।
एक सूत्र ने बताया कि सभी दलों ने इस बात पर सहमति जताई कि यदि भारत क्षेत्रीय शांति को भंग करने की कोशिश करता है तो वे पाकिस्तानी सेना के साथ खड़े रहेंगे।
बैठक से पहले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा था कि इसका उद्देश्य भारत-पाकिस्तान के बीच मौजूदा तनाव को देखते हुए राजनीतिक दलों की राय जानना है।
इस बैठक में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के नेता राजा परवेज अशरफ, क़मर ज़मान काइरा, शाज़िया मर्री, पीएमएल-एन के बरिस्टर अकील, तारिक फ़ज़ल चौधरी, तलाल चौधरी, प्रधानमंत्री के सलाहकार परवेज खटक, फारूक सत्तार और कश्मीरी नेता शाह गुलाम कादिर समेत कई प्रमुख नेता मौजूद थे।
भारत और पाकिस्तान के रिश्ते 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद और बिगड़ गए हैं जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी।
भारत ने इसके बाद पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं जिनमें सिंधु जल संधि स्थगित करना, अटारी सीमा बंद करना और राजनयिक संबंधों में कटौती शामिल हैं।
शनिवार को भारत ने पाकिस्तान से आयातित सामानों पर प्रतिबंध लगाया और पाकिस्तानी जहाजों के भारतीय बंदरगाहों में प्रवेश पर रोक लगाई।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भारत आतंकवादियों और उनके मददगारों के खिलाफ “सख्त और निर्णायक” कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने देश की सशस्त्र सेनाओं को कार्रवाई के तरीके, लक्ष्य और समय तय करने की “पूर्ण स्वतंत्रता” भी दी है।