पुणे, चार मई (भाषा) केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि पुणे-नासिक रेलवे परियोजना के लिए नया मार्ग पुनः निर्धारित करने की योजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है और महाराष्ट्र सरकार की मंजूरी मिलते ही इसका काम शुरू कर दिया जाएगा।
पूर्व प्रस्तावित मार्ग के तहत गलियारा नारायणगांव के पास खोडद गांव (पुणे से करीब 60 किलोमीटर दूर) स्थित ‘जायंट मीटरवेव रेडियो टेलीस्कोप’ (जीएमआरटी) के आस-पास 15 किलोमीटर के प्रतिबंधित क्षेत्र से होकर गुजरना था।
वैज्ञानिकों ने चिंता जताई थी कि इस क्षेत्र से ट्रेनों की आवाजाही रेडियो वेधशाला के कामकाज में बाधा उत्पन्न कर सकती है।
वैष्णव ने शनिवार को कहा, “जीएमआरटी को 23 देशों के सहयोग से स्थापित किया गया है। पूर्व प्रस्तावित मार्ग के कारण इसके संचालन में बाधा आने की आशंका है इसलिए मार्ग का पुनः निर्धारण किया जा रहा है ताकि किसी प्रकार की बाधा पैदा न हो। राज्य सरकार की मंजूरी मिलते ही काम शुरू कर दिया जाएगा।”
पुणे से करीब 80 किमी दूर स्थित जीएमआरटी 150-1420 मेगाहर्ट्ज़ की आवृत्ति पर काम करता है। इसमें 45-45 मीटर व्यास के कुल 30 एंटीना हैं। यह टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान (टीआईएफआर) के तहत राष्ट्रीय रेडियो खगोल भौतिकी केंद्र (एनसीआरए) द्वारा संचालित किया जाता है।
रेल मंत्री ने पुणे रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की भी घोषणा की।
उन्होंने कहा कि पुणे स्टेशन को विश्वस्तरीय सुविधाओं से सुसज्जित किया जाएगा और यहां चार नए प्लेटफॉर्म बनाए जाएंगे।
वैष्णव ने शनिवार को हडपसर से जोधपुर एक्सप्रेस और एमजीआर चेन्नई सेंट्रल-भगत की कोठी एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई।
उन्होंने बताया कि पुणे, हडपसर, खडकी, शिवाजीनगर, उरूली कांचन और आलंदी रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की योजनाएं अंतिम चरण में हैं।
वैष्णव ने बताया कि उन्होंने पुणे-नागपुर के बीच वंदे भारत ट्रेन शुरु करने को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ भी चर्चा की है।