पंचकोशी यात्री पांच दिन में नर्मदा नदी किनारे 75 किलोमीटर का करेंगे सफर

Panchkoshi Yatra Omkareshwar

ओंकारेश्वर। ओंकारेश्वर से चार नवंबर को कार्तिक शुक्ल एकादशी को 47 वीं नर्मदा लघु परिक्रमा पंचकोशी यात्रा प्रारंभ होगी। पांच दिवसीय यात्रा शुक्रवार सुबह मां नर्मदा और भगवान ममलेश्वर के दर्शन तथा ध्वन पूजन के साथ शुरू होगी। यात्रा में शामिल होने के लिए एकादशी की पूर्व संध्या से ही श्रद्धालु ओंकारेश्वर में जुटने लगेंगे। इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी हिस्सा लेंगी। नर्मदा नदी के किनारे खंडवा और खरगोन जिले में करीब 75 किलोमीटर की यात्रा काआठ नवंबर को ओंकारेश्वर में ही समापन होगा। रास्ते में जगह-जगह सेवाभावियों द्वारा पदयात्रियों का स्वागत और भंडारों का आयोजन किया जाएगा। पंचकोशी यात्रा समिति के संयोजक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि 47 वर्ष पूर्व सनावद निवासी डा. रविंद्र भारती चौरे द्वारा अपने पांच साथियों के साथ यात्रा की शुरुआत की थी। अब इसमें एक लाख से अधिक श्रद्धालु स्वेच्छा से शामिल हो रहे हैं। मान्यता है कि मां नर्मदा की परिक्रमा से जो फल प्राप्त होता है वह इस लद्यु यात्रा से भी प्राप्त हो जाता है। कार्तिक मास में नर्मदा स्नान व दीपदान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है। यह पंचकोशी लघु परिक्रमा यात्रा 47 वें वर्ष में प्रवेश कर रही है।

संचालक मंडल ने यात्रियों से अनुरोध किया है कि वे तीन नवंबर की रात तक ओंकारेश्वर पहुंच जाए। क्योंकि चार नवंबर को प्रात: छह बजे मां नर्मदा और ममलेश्वर के दर्शन-पूजन पश्चात यात्रा प्रारंभ होगी। यात्रा ग्राम अजरुद बागेश्वरी माता दर्शन कर सनावद में रात्रि विश्राम करेगी। पांच नवंबर को कुरंग नदी में स्नान और बडूद ग्राम बड़केश्वर दर्शन कर टोकसर में यात्रा का विश्राम रहेगा। छह नवंबर को गोमतेश्वर के दर्शन कर नाव द्वारा नर्मदा नदी पार कर विमलेश्वर के दर्शन कर रामगढ़ होते बड़वाह में रात्रि विश्राम किया जाएगा। यात्रा सात नवंबर को नागेश्वर से दर्शन कर सिद्धवरकूट पहुंचेगी। आठ नवंबर को यात्रा सिद्धवरकूट से नर्मदा स्नान बाद ओंकारेश्वर बांध से होकर ओंकारेश्वर पहुंचेगी। ओंकार पर्वत परिक्रमा-दर्शन उपरांत यात्रा का समापन होगा।

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