अबूझ मुहूर्त के बाद भी नहीं हो सकेंगे विवाह, 15 दिन का करना पड़ेगा इंतजार

Wedding

इस साल 4 नवंबर 2022, शुक्रवार को देवउठनी एकादशी है और 5 नंबवर, शनिवार को तुलसी विवाह किया जाएगा। लेकिन इसके बाद भी विवाह मुहूर्तों के लिए लोगों को 15 दिनों से ज्यादा समय तक इंतजार करना होगा। तुलसी विवाह का दिन अबूझ मुहूर्त अक्षय तृतीया की तरह शादी-विवाह के लिए अबूझ मुहूर्त माना जाता है। इस दिन बिना मुहूर्त के शादियां की जा सकती हैं लेकिन इस साल ऐसा संभव नहीं हो पाएगा। दरअसल, हिंदू धर्म में हर कार्य शुभ मुहूर्त में किया जाता है। विवाह जैसे महत्वपूर्ण और शुभ कार्य के लिए शुक्र ग्रह की स्थिति को बहुत महत्व दिया गया है। ज्योतिष के अनुसार विवाह तब ही हो सकते हैं जब शुक्र ग्रह उदित हो।शुक्र तारे का उदय विवाह के शुभ मुहूर्त के लिए जरूरी है। लेकिन 2 अक्टूबर को अस्त हुए शुक्र ग्रह 23 नवंबर को उदित होंगे। शुक्र तारे के डूबने के कारण 23 नवंबर 2022 तक विवाह नहीं हो सकेंगे। इस कारण इस साल देवउठनी एकादशी के बाद कुछ ही विवाह मुहूर्त हैं। कह सकते हैं कि नवंबर 2022 और दिसंबर 2022 में विवाह के लिए कम मुहूर्त ही हैं। यदि इन मुहूर्तों में बात नहीं बन पाई तो विवाह के लिए लोगों को साल 2023 का ही इंतजार करना पड़ेगा।

विशेष जाति व सम्प्रदाय में होते है विवाह

देवउठनी एकादशी के बाद कुछ विशेष जाति के लोग शुक्र ग्रह का उदित होना नही मानते और तुलसी विवाह के दिन को शुभ मानकर विवाह का आयोजन करते है। इसी बीच शुभ नक्षत्रों में भी विवाह किए जाते है। विशेष जाती के लोग नवम्बर माह में अबूझ मुहूर्त पर विवाह करेंगे।

नवंबर 2022 में विवाह के शुभ मुहूर्त

24 नवंबर 2022

25 नवंबर 2022

27 नवंबर 2022

दिसंबर 2022 में विवाह के शुभ मुहूर्त

2 दिसंबर 2022

7 दिसंबर 2022

8 दिसंबर 2022

9 दिसंबर 2022

जनवरी 2023 शादी मुहूर्त

15 जनवरी, 2023

18 जनवरी, 2023

25 जनवरी, 2023

26 जनवरी, 2023

27 जनवरी, 2023

30 जनवरी, 2023

31 जनवरी, 2023

फरवरी 2023 शादी मुहूर्त

6 फरवरी, 2023

7 फरवरी, 2023

9 फरवरी, 2023

10 फरवरी, 2023

12 फरवरी, 2023

13 फरवरी, 2023

14 फरवरी, 2023

22 फरवरी, 2023

23 फरवरी, 2023

28 फरवरी, 2023

मार्च 2023 शादी मुहूर्त

6 मार्च, 2023

9 मार्च, 2023

11 मार्च, 2023

13 मार्च, 2023

नवम्बर व दिसंबर में बढेगा व्यापार 23 सर्वार्थसिद्धि योग

– एकादशी तिथि का प्रारम्भ 3 नवंबर को शाम 07 बजकर 30 मिनट से होगा, और एकादशी तिथि की समाप्ति 4 नवम्बर को शाम 06 बजकर 08 मिनट पर होगी।

– सोने के व्यापार में होगी वृद्धि, शादियों में खाने की बात करे तो बार 700 से 800 रु प्लेट हो चुकी है। बैंड वालो ने भी अपनी कीमतें बाद दी है। बाज़ारो में रौनक दिखने लगेगी। कपड़ा व्यापार में बढ़ोतरी होगी। गिफ्ट आइटम भी बिकेंगे। नए मकान की खरीदी होगी। ग्रह प्रवेश होंगे।

– नवम्बर में 11 सर्वार्थसिद्धि योग और दिसंबर में 13 सर्वार्थसिद्धि योग बन रहे है। भूमि, गहने और कपड़ों की ख़रीददारी में सर्वार्थ सिद्धि योग अत्यंत लाभकारी है। सर्वार्थ सिद्धि योग में हर वस्तु की खरीददारी शुभ मानी जाती है। हर प्रकार से लाभ की प्राप्ति को ही सर्वार्थ सिद्धि योग कहा गया है। यह एक शुभ योग है इसलिए इस योग में संपन्न होने वाले कार्यों से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।

-14 नवम्बर को सोम पुष्य नक्षत्र व 11 दिसंबर को रवि पुष्य नक्षत्र होने के कारण इस दिन खरीदारी के शुभ योग होने खरीदारी में वृद्धि होगी। इन दिनों में सोना, चांदी, तांबा, भूमि, भवन, संपत्ति आदि की खरीदारी बहुत ही शुभ फलदायी मानी जाती है।