नयी दिल्ली, एक मई (भाषा) डेलॉयट ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए देश की आर्थिक वृद्धि के 6.5 से 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।
पेशेवर सेवा कंपनी डेलॉयट ने कहा कि बजट में प्रदान किए गए कर प्रोत्साहन से अनिश्चित वैश्विक व्यापार वातावरण के बीच घरेलू मांग को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
डेलॉयट के भारत अर्थव्यवस्था परिदृश्य में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 6.3-6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया। साथ ही कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 के लिए आर्थिक परिदृश्य उभरते व्यापार संबंधों तथा घरेलू उपभोक्ता मांग को बढ़ावा देने के सरकारी प्रयासों के बीच एक नाजुक संतुलन पर टिका है।
इसमें कहा गया, ‘‘ चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दो विरोधी ताकतों पर निर्भर करेगा।’’
पहला कारक उपभोक्ता खर्च बढ़ाने के उद्देश्य से कर प्रोत्साहन का सकारात्मक प्रभाव होगा (जैसा कि केंद्रीय बजट 2025 में घोषित किया गया है)। दूसरा एवं विरोधी कारक, वैश्विक व्यापार तंत्र में अनिश्चितता है जिसका भारतीय अर्थव्यवस्था पर संभावित नकारात्मक प्रभाव होगा।
इसमें कहा गया, ‘‘ कर प्रोत्साहन और व्यापार अनिश्चितताओं के परस्पर प्रभाव से चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत से 6.7 प्रतिशत के बीच रह सकती है।’’
डेलॉयट इंडिया की अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार ने कहा, ‘‘ बजट के दौरान घोषित कर छूट से युवा आबादी के हाथों में खर्च योग्य आय बढ़ेगी और आय लोच बढ़ेगा।’’
रिपोर्ट में साथ ही कहा गया कि भारत तथा अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौता, वैश्विक व्यापार अनिश्चितताओं के बीच भारत को नए अवसर तलाशने और अमेरिकी बाजार में प्रवेश करने में मदद करेगा।