एसीबी ने मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया

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नयी दिल्ली, 30 अप्रैल (भाषा) दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पिछली सरकार के तहत 12,748 कक्षाओं के निर्माण में कथित भ्रष्टाचार को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के खिलाफ मामला दर्ज किया है। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।

एसीबी ने एक बयान में कहा कि यह घोटाला करीब 2,000 करोड़ रुपये का है और इसमें अत्यधिक बढ़ी हुई दरों पर ठेके दिए गए थे। बयान के अनुसार, कथित तौर पर प्रत्येक कक्षा का निर्माण 24.86 लाख रुपये में किया गया, जो सामान्य लागत से लगभग पांच गुना अधिक है।

बयान के मुताबिक, यह कार्य कथित तौर पर आम आदमी पार्टी से जुड़े ठेकेदारों को सौंपा गया था। इसमें कहा गया है कि सक्षम प्राधिकारी से भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम की धारा 17-ए के तहत अपेक्षित मंजूरी मिलने के बाद मामला दर्ज किया गया।

आम आदमी पार्टी ने कहा कि उसके नेताओं सिसोदिया और जैन को पार्टी की पंजाब इकाई का प्रभारी और सह-प्रभारी नियुक्त किए जाने के मद्देनजर उन पर दबाव बनाने और डराने के लिए उनके खिलाफ मामला दर्ज किया है।

आप के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनुराग ढांडा ने संवाददाता सम्मेलन में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘जिस तरह से सिसोदिया और अन्य नेताओं के खिलाफ मामले दर्ज किए जा रहे हैं, मुझे लगता है कि जल्द ही उनके खिलाफ मंत्री की कुर्सी पर कब्जा करने, दस्तावेज में अल्पविराम या पूर्ण विराम लगाना भूल जाने के मामले भी दर्ज किए जा सकते हैं।’’

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के पास कोई काम नहीं है और हर मामले में वह आप नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा देती है।

भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने मांग की कि एसीबी कथित घोटाले में दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की भूमिका की जांच करे। उन्होंने कहा, ‘‘यह आप और दिल्ली में उसकी पिछली सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में एक निर्णायक क्षण है।’’

एसीबी अधिकारियों के अनुसार, इस परियोजना में राष्ट्रीय राजधानी में लगभग 12,748 कक्षाओं और स्कूल भवनों का निर्माण शामिल था, जिसमें ‘‘काफी वित्तीय अनियमितताएं हुईं और लागत में वृद्धि’’ देखी गई।

परियोजना को शुरू में स्वीकृत लागत पर इस शर्त के साथ मंजूरी दी गई थी कि इसे जून 2016 तक पूरा कर लिया जाएगा और भविष्य में इसमें वृद्धि की कोई गुंजाइश नहीं होगी। हालांकि, एसीबी ने बयान में आरोप लगाया कि निर्धारित समय सीमा के भीतर एक भी काम पूरा नहीं हुआ।

कथित घोटाले के संबंध में भाजपा नेता हरीश खुराना, कपिल मिश्रा और नीलकंठ बख्शी से शिकायतें प्राप्त हुई थीं।

आरोप है कि इस परियोजना पर कुल 2,892 करोड़ रुपये खर्च हुए, जिससे प्रति कक्षा लागत 24.86 लाख रुपये हो गई, जबकि मानक मानदंडों के तहत प्रति कमरे की अनुमानित लागत पांच लाख रुपये थी।

बयान में कहा गया, ‘‘जांच से पता चला कि परियोजना 34 ठेकेदारों को दी गई थी, जिनमें से अधिकतर कथित तौर पर आप से जुड़े हुए हैं।’’

निर्माण में अर्द्ध-स्थायी ढांचे (एसपीएस) शामिल थे, जिनकी अपेक्षित इस्तेमाल अवधि 30 वर्ष है, फिर भी लागत सीमेंट कंक्रीट (आरसीसी) के ढांचों के बराबर थी। आरसीसी ढांचों की इस्तेमाल अवधि आमतौर पर 75 वर्षों तक होती है।

बयान में कहा गया, ‘‘अधिकारियों ने पाया कि एसपीएस निर्माण को अपनाने से कोई वित्तीय लाभ नहीं हुआ।’’

एसीबी ने यह भी दावा किया कि परियोजना के लिए सलाहकार और वास्तुकार को उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना नियुक्त किया गया था।

बयान में कहा गया, ‘‘केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के मुख्य तकनीकी परीक्षक (सीटीई) ने अपनी रिपोर्ट में विभिन्न खंडों के गंभीर उल्लंघन को उठाया था, जिसमें केंद्रीय लोक निर्माण विभाग कार्य नियमावली 2014, जीएफआर 2017 और सीवीसी दिशानिर्देशों के घोर उल्लंघन को उजागर किया गया था। हालांकि, रिपोर्ट को कथित तौर पर लगभग तीन साल तक दबा दिया गया था।’’

एसीबी के अनुसार, एसपीएस कक्षाओं के लिए प्रति वर्ग फुट लागत 2,292 रुपये आंकी गई, जबकि पक्के मॉडल स्कूलों के लिए यह 2,044-2,416 रुपये प्रति वर्ग फुट थी। इसने कक्षाओं के निर्माण में एसपीएस के उपयोग से अपेक्षित किसी भी वित्तीय लाभ को नकार दिया।

प्रारंभिक निविदा राशि 860.63 करोड़ रुपये थी, जो बाद में 17 प्रतिशत से 90 प्रतिशत हो गई। एसीबी ने कहा कि इसमें से 205.45 करोड़ रुपये सीधे तौर पर ज्यादा विनिर्देशों के कारण थे, जो मूल निविदा मूल्य का लगभग 24 प्रतिशत था।

सीवीसी दिशा-निर्देशों के विपरीत, इन बदलावों को दर्शाने के लिए कोई नई निविदा आमंत्रित नहीं की गई। बयान में कहा गया है कि पांच स्कूलों में 42.5 करोड़ रुपये का काम बिना उचित निविदाओं के, मौजूदा अनुबंधों का उपयोग करके किया गया।

बयान में कहा गया कि पूरी साजिश का पता लगाने और आप नेताओं, अज्ञात सरकारी अधिकारियों और ठेकेदारों की भूमिका और दोषसिद्धि तय करने के लिए एक व्यापक जांच शुरू की गई है।

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