पहलगाम हमले के बाद एकजुटता अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा आतंकवाद को कतई सहन नहीं करने का प्रमाण: भारत
Focus News 29 April 2025 0
संयुक्त राष्ट्र, 29 अप्रैल (भाषा) भारत ने कहा है कि पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद वैश्विक नेताओं की ओर से ‘‘मजबूत, स्पष्ट’’ समर्थन और एकजुटता, आतंकवाद के प्रति अंतरराष्ट्रीय समुदाय की कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति का प्रमाण है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत की उप स्थायी प्रतिनिधि राजदूत योजना पटेल ने कहा, ‘‘2008 में हुए 26/11 के भीषण मुंबई हमलों के बाद पहलगाम आतंकवादी हमले में इतनी अधिक संख्या में आम नागरिक मारे गए हैं।’’
पटेल ने कहा, ‘‘दशकों से सीमा पार आतंकवाद का शिकार होने के कारण भारत इस बात को अच्छी तरह समझता है कि इस तरह के कृत्यों का पीड़ितों, उनके परिवारों और समाज पर दीर्घकालिक असर पड़ता है।’’
पटेल सोमवार को इस विश्व संस्था के मुख्यालय में संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद निरोधक कार्यालय के ‘विक्टिम्स ऑफ टेररिज्म एसोसिएशन नेटवर्क’ (वोटन) के डिजिटल एवं प्रत्यक्ष माध्यम से हुए उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हाल में हुए आतंकवादी हमले के मद्देनजर दुनिया भर के नेताओं और सरकारों द्वारा दिए गए मजबूत व स्पष्ट समर्थन और एकजुटता की गहराई से सराहना करता है और उसे महत्व देता है। यह आतंकवाद के प्रति अंतरराष्ट्रीय समुदाय की बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने की नीति का प्रमाण है।’’
पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकवादी हमले में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक मारे गए थे। मृतकों में ज्यादातर भारत के विभिन्न राज्यों से आए पर्यटक थे।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, उपराष्ट्रपति जे डी वेंस, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टॉर्मर, इतालवी प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस सहित वैश्विक नेताओं ने पहलगाम आतंकवादी हमले की निंदा की तथा भारत के साथ अपनी संवेदना एवं एकजुटता व्यक्त की।
पिछले हफ्ते 15 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने एक प्रेस वक्तव्य जारी कर जम्मू कश्मीर में आतंकवादी हमले की ‘‘अत्यधिक कड़े शब्दों में’’ निंदा की। सुरक्षा परिषद ने जोर दिया कि इन हत्याओं के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और ‘‘आतंकवाद के इस निंदनीय कृत्य’’ को अंजाम देने वाले और उसके प्रायोजकों को न्याय के कठघरे में लाया जाना चाहिए।
सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने इस बात पर जोर दिया कि इन हत्याओं के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। उन्होंने अनुरोध किया कि सभी राष्ट्रों को अंतरराष्ट्रीय कानून एवं सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों के तहत अपने दायित्वों के अनुसार इस संबंध में सभी संबंधित अधिकारियों के साथ सक्रिय रूप से सहयोग करना चाहिए।
प्रेस वक्तव्य सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष द्वारा सभी 15 सदस्य देशों की ओर से मीडिया को दिया गया एक घोषणापत्र है।
फ्रांस अप्रैल महीने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष है और प्रेस वक्तव्य परिषद के अध्यक्ष, संयुक्त राष्ट्र में फ्रांस के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत जेरोम बोनाफोंट द्वारा जारी किया गया था।
पाकिस्तान वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक गैर-स्थायी सदस्य है। एक प्रेस वक्तव्य के लिए परिषद के सभी सदस्यों की सहमति की आवश्यकता होती है।
पटेल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि परिषद ने अपने बयान में कहा है कि आतंकवाद के निंदनीय कृत्यों के अपराधियों, इसके आयोजकों, वित्तपोषकों और प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और उन्हें न्याय के कठघरे में लाया जाना चाहिए।