नयी दिल्ली, 28 अप्रैल (भाषा) नागर विमानन मंत्री के. राममोहन नायडू ने विदेशों में किए जाने वाले रखरखाव व मरम्मत कार्यों को देश में ही बढ़ाने के प्रयासों का सोमवार को आह्वान किया।
मंत्री राष्ट्रीय राजधानी में एआई इंजीनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड (एआईईएसएल) द्वारा आयोजित ‘एविएशन होराइजन 2025’ सम्मेलन में यह बात कही।
नायडू ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 भारतीय मरम्मत व रखरखाव इकाइयों की हिस्सेदारी केवल 14 प्रतिशत थी और इसे 2030 तक बढ़ाकर 50 प्रतिशत करना है।
उन्होंने कहा कि भारतीय मरम्मत व रखरखाव क्षेत्र में केवल श्रम-प्रधान कार्यों के बजाय बौद्धिक संपदा व नवाचारों के सृजन के प्रयास किए जाने चाहिए।
भारत विश्व के सबसे तेजी से बढ़ते नागर विमानन बाजारों में से एक है। इसका मरम्मत व रखरखाव खंड वर्तमान में करीब 1.8 अरब अमेरिकी डॉलर का है।
उन्होंने साथ ही कहा कि 2030 तक हवाई यात्रियों की संख्या 30 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है और अगले पांच वर्षों में 50 और हवाई अड्डे बनाए जाएंगे।
नायडू ने देश के विमानन क्षेत्र की क्षमता का उल्लेख और समग्र दृष्टिकोण के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि 20 वर्षों में 200 और हवाई अड्डे बनाने की योजना है।