ट्रंप की शुल्क नीतियों से इस साल वैश्विक व्यापार में गिरावट की आशंकाः डब्ल्यूटीओ

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President Trump Announces Reciprocal Tariffs From The Oval Office

जिनेवा, 24 अप्रैल (एपी) विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) का कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बदलती शुल्क नीतियों और चीन के साथ गतिरोध के कारण इस वर्ष दुनिया भर में वस्तु के व्यापार में 0.2 प्रतिशत की गिरावट आने की आशंका है।

हालांकि डब्ल्यूटीओ ने चेताया है कि ट्रंप के जवाबी सीमा शुल्क की व्यवस्था पर अड़े रहने की स्थिति में वस्तु व्यापार में 1.5 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है।

डब्ल्यूटीओ ने बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा कि सबसे कठोर शुल्क व्यवस्था के बगैर भी खासकर उत्तर अमेरिकी क्षेत्र में व्यापार में गिरावट देखने को मिलेगी। इस वर्ष वहां निर्यात में 12.6 प्रतिशत और आयात में 9.6% प्रतिशत की गिरावट आने की आशंका है।

डब्ल्यूटीओ ने यह रिपोर्ट 21 अप्रैल तक की सीमा शु्ल्क स्थिति के आधार पर जारी की है।

वैश्विक व्यापार मंच ने कहा कि पहले 2025 और 2026 में विश्व व्यापार के निरंतर बढ़ने की उम्मीद थी लेकिन ट्रंप के व्यापार युद्ध ने डब्ल्यूटीओ के अर्थशास्त्रियों को अपना पूर्वानुमान काफी हद तक कम करने के लिए मजबूर कर दिया।

यदि ट्रंप अधिकांश देशों पर अपने सबसे कठोर शुल्क दरों को जारी रखते हैं, तो दुनिया भर में वस्तुओं के व्यापार में 1.5 प्रतिशत की गिरावट आएगी, क्योंकि अनिश्चितता के कारण व्यापार में अस्थिरता है।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने अप्रैल की शुरुआत में सीमा शुल्क की उच्च दरों को 90 दिनों के लिए निलंबित कर दिया था ताकि 70 से अधिक देशों को अमेरिकी व्यापार चिंताओं को दूर करने का मौका मिले।

हालांकि ट्रंप चीनी आयात पर करों को बढ़ाकर 145 प्रतिशत कर रहे हैं और कनाडा एवं मेक्सिको के साथ उनके सामानों पर शुल्क के बारे में लंबी बातचीत चल रही है।

डब्ल्यूटीओ की महानिदेशक नगोजी ओकोन्जो-इवेला ने एक बयान में कहा कि 90 दिनों के शुल्क निलंबन के बावजूद अनिश्चितता का माहौल बने रहने से वैश्विक वृद्धि पर विराम लगने का खतरा बना हुआ है, जिससे दुनिया, खासकर सबसे कमजोर अर्थव्यवस्थाओं के लिए गंभीर नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं।

इवेला ने कहा, “हमारी गणना से पता चलता है कि व्यापार नीति की अनिश्चितता का व्यापार प्रवाह पर महत्वपूर्ण नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, निर्यात कम होता है और आर्थिक गतिविधि कमजोर होती है।”

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