ठाणे, 24 अप्रैल (भाषा) जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के विरोध में बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र के डोंबिवली शहर में व्यावसायिक प्रतिष्ठान एवं बाजार बंद रहे और सड़कें सुनसान रहीं।
ठाणे जिले के डोंबिवली के रहने वाले रिश्ते के तीन भाई संजय लेले (50), हेमंत जोशी (45) और अतुल मोने (43) मंगलवार को हुए आतंकवादी हमले में मारे गए 26 लोगों में शामिल थे।
इस हमले के विरोध में बंद के कारण शहर की वे सड़कें बृहस्पतिवार को सुनसान दिखीं जिन पर आम तौर पर भारी यातायात रहता है।
अधिकतर ऑटो-रिक्शा, बसें और निजी वाहन सड़कों से नदारद रहे तथा ज्यादातर व्यावसायिक प्रतिष्ठान भी बंद रहे।
शहर की कुछ गलियों और सड़कों के कोनों पर लोगों के छोटे-छोटे समूह पहलगाम हमले पर बातचीत करते नजर आए।
आतंकवादी हमले के विरोध में तथा पीड़ितों के परिवारों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए बुधवार दोपहर से ही विभिन्न दुकानें, कार्यालय तथा स्थानीय बाजार बंद होने लगे।
सभी प्रमुख राजनीतिक दलों तथा नागरिक समूहों द्वारा समर्थित इस बंद का जनता ने स्वेच्छा से पालन किया।
एक स्थानीय निवासी ने कहा, ‘‘इस आतंकवादी हमले के लिए जो लोग जिम्मेदार हैं, उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए ताकि फिर से ऐसे हमले नहीं हों।’’
ठाणे पुलिस नियंत्रण कक्ष के एक अधिकारी ने बताया कि बंद अब तक शांतिपूर्ण रहा है।
हमले में मारे गए डोंबिवली के निवासियों के बुधवार शाम को हुए अंतिम संस्कार में हजारों लोग शामिल हुए।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस मृतकों को श्रद्धांजलि देने के लिए भागशाला मैदान पहुंचे। इस दौरान उनके साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता रवींद्र चव्हाण और शिवसेना के स्थानीय सांसद श्रीकांत शिंदे भी मौजूद थे।
फडणवीस द्वारा पुष्पांजलि अर्पित किए जाने के दौरान पाकिस्तान के विरोध में नारे लगाए गए और कई लोगों ने सभी पाकिस्तानी उत्पादों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाए जाने की मांग की।