जम्मू, 19 अप्रैल (भाषा) जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को केंद्र शासित प्रदेश में व्यापार अनुकूल माहौल को बढ़ावा देने और विभिन्न क्षेत्रों में नियामक ढांचे को सुव्यवस्थित करने के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।
वह यहां कारोबारी सुगमता (ईओडीबी) ढांचे के तहत अनुपालन में कमी और विनियमन में प्रगति की समीक्षा के लिए आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक का उद्देश्य नियामक वातावरण को कारोबार के लिए अधिक अनुकूल बनाना था।
एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि यह बैठक प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ), नीति आयोग, उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) सहित प्रमुख संस्थानों के सहयोग से केंद्रीय मंत्रिमंडल सचिवालय के नेतृत्व में राष्ट्रीय पहल का हिस्सा थी।
इस पहल का उद्देश्य अनावश्यक विनियमनों को समाप्त करना, विशेष रूप से एमएसएमई के लिए अनुपालन बोझ को कम करना, डिजिटलीकरण और एकल खिड़की मंजूरी को बढ़ावा देना तथा जहां भी आवश्यक हो, व्यावसायिक कानूनों को अपराधमुक्त करना है।
सभी अधिकारियों को पहचानी गई कार्य योजनाओं को – जिनमें से अधिकांश की समय-सीमा पांच से छह महीने है – छोटे, प्राप्त करने योग्य कार्यों में पाक्षिक आधार पर विभाजित करने का निर्देश देते हुए अब्दुल्ला ने प्रगति पर बारीकी से नज़र रखने और किसी भी देरी के कारणों की जांच करने की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने निर्देश दिया कि अंतिम कार्ययोजना को तुरंत एमआईएस पोर्टल पर अपलोड किया जाए और बिना किसी देरी के कार्यान्वयन शुरू किया जाए।
जवाबदेही के महत्व पर जोर देते हुए अब्दुल्ला ने एक समीक्षा तंत्र निर्धारित किया जिसके तहत सुधारों की प्रगति का हर दो महीने में मूल्यांकन किया जाएगा।
उन्होंने कहा, “मेरी सरकार व्यवसाय-अनुकूल वातावरण को बढ़ावा देने और विभिन्न क्षेत्रों में विनियामक ढांचे को सुव्यवस्थित करने के लिए प्रतिबद्ध है।”
इससे पहले, उद्योग और वाणिज्य आयुक्त सचिव विक्रमजीत सिंह ने प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग के केंद्रीय सचिव की अध्यक्षता में जम्मू-कश्मीर राज्य टास्क फोर्स के प्रयासों पर बैठक को जानकारी दी।