ईपीएफओ में बड़े पैमाने पर डिजिटल बदलाव, मई-जून में नया आईटी मंच शुरू होगा : मांडविया

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रांची, 18 अप्रैल (भाषा) केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने शुक्रवार को कहा कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) नौ करोड़ से अधिक लाभार्थियों के वास्ते सेवाएं व्यापक करने के लिए बड़े डिजिटल बदलाव की तैयारी कर रहा है और इसका संस्करण 3.0 मई या जून तक शुरू किया जाएगा।

मांडविया ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा कि आने वाले दिनों में ईपीएफओ लाभार्थी नए संस्करण 3.0 पर दावों के तेजी से निपटान के कारण एटीएम से राशि निकाल सकेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘ईपीएफओ जल्द ही एक मजबूत आईटी मंच का संस्करण 3.0 लागू करेगा, जिससे स्वतः दावा निपटान, डिजिटल सुधार और एटीएम आधारित धन निकासी सहित निर्बाध और सरलीकृत सेवाएं प्रदान की जा सकेंगी। इस बदलाव का उद्देश्य ईपीएफओ को सुलभ और कुशल बनाना है।’’

मांडविया के अनुसार, नए संस्करण में जटिल और लंबी, आवेदन भरने की प्रक्रिया या दावों और सुधारों के लिए कार्यालय में जाने की जरूरत समाप्त हो जाएगी। लाभार्थी ओटीपी सत्यापन का उपयोग करके अपने ईपीएफओ खातों और अनुरोध को अपडेट करने और अपनी पेंशन पात्रता की निगरानी करने या धन निकालने में सक्षम होंगे।

उन्होंने कहा कि दावों के त्वरित निपटान के कारण धनराशि शीघ्र ही लाभार्थी के बैंक खाते में उपलब्ध हो जाएगी।

मांडविया ने बताया कि ईपीएफओ के पास वर्तमान में ‘सरकार की गारंटी’ के साथ 27 लाख करोड़ रुपये का कोष है और वह 8.25 प्रतिशत ब्याज देता है।

पहले से लागू केंद्रीयकृत पेंशन भुगतान प्रणाली से 78 लाख से अधिक पेंशनभोगियों को लाभ मिलता है, क्योंकि इससे उन्हें देश भर में किसी भी बैंक खाते में पेंशन प्राप्त करने की सुविधा मिलती है, तथा इससे पहले नामित क्षेत्रीय बैंकों में खाते रखने की आवश्यकता समाप्त हो गई है।

मंत्री ने कहा कि सरकार पेंशन कवरेज को सुव्यवस्थित और मजबूत करने के लिए अटल पेंशन योजना, प्रधानमंत्री जीवन बीमा योजना और श्रमिक जन धन योजना सहित विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के एकीकरण पर भी विचार कर रही है।

मांडविया ने श्रमिकों के लिए स्वास्थ्य सेवा सुलभ कराने के लिए कहा कि कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के लाभार्थी जल्द ही आयुष्मान भारत योजना के तहत सूचीबद्ध अस्पतालों में मुफ्त चिकित्सा उपचार प्राप्त कर सकेंगे।

इसके अलावा, सामाजिक सुरक्षा का विस्तार करने के लिए नामित निजी परमार्थ अस्पतालों को भी इसके दायरे में लाया जाएगा।

मौजूदा समय में ईएसआईसी 165 अस्पतालों, 1,500 से अधिक औषधालयों और लगभग 2,000 सूचीबद्ध अस्पतालों के माध्यम से लगभग 18 करोड़ लोगों को मुफ्त चिकित्सा प्रदान करता है।

मांडविया ने कहा कि ईपीएफओ ने संस्करण 2.01 के लागू होने के बाद अपनी शिकायत निवारण प्रणाली में उल्लेखनीय सुधार किया है, जिससे शिकायतें आधे से भी कम हो गई हैं। उन्होंने कहा कि ईपीएफओ 3.0 की शुरूआत के साथ, संगठन का लक्ष्य सुलभता और दक्षता में और सुधार करना है।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि वर्ष 2024-25 में, ईपीएफओ ने नियोक्ताओं द्वारा दाखिल 1.25 करोड़ इलेक्ट्रॉनिक चालान सह रिटर्न (ईसीआर) के माध्यम से 3.41 लाख करोड़ रुपये से अधिक का अंशदान एकत्र किया।

मंत्री ने अल्पकालिक कर्मियों और ऑनलाइन मंचों से जुड़े श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के प्रयासों को रेखांकित करते हुए कहा कि उनकी वर्तमान संख्या एक करोड़ से अधिक है और अगले पांच वर्षों में दोगुनी होने की उम्मीद है।

उन्होंने बताया कि इस पहल के एक हिस्से के रूप में, श्रम और रोजगार मंत्रालय ने 15 अप्रैल को खाद्य वितरण मंच स्विगी के साथ राष्ट्रीय करियर सेवा (एनसीएस) पोर्टल के साथ अल्पकालिक और परिचालन रोजगार के अवसरों को एकीकृत करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

मांडविया ने बताया कि इस साझेदारी का लक्ष्य अगले दो से तीन वर्षों में 12 लाख से अधिक रोजगार के अवसर सृजित करना है।

समझौते के तहत स्विगी एनसीएस पोर्टल पर अपनी डिलीवरी, परिचालन और सहायक भूमिकाओं को सूचीबद्ध करेगी, जिससे अधिक श्रमिकों को रोजगार के अवसरों तक पहुंचने में मदद मिलेगी।

मांडविया के मुताबिक, सरकार श्रमिक कल्याण के प्रति व्यापक प्रतिबद्धता के तहत विभिन्न श्रम कानूनों और खान सुरक्षा अधिनियम के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने पर ध्यान दे रही है।

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