काठमांडू, 18 अप्रैल (भाषा) नेपाल के प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली ने कहा है कि देश में माओवादियों के विद्रोह के दौरान किये गए जघन्य और अमानवीय अपराधों के लिए जिम्मेदार लोगों को कोई माफी नहीं दी जाएगी।
उन्होंने यहां ‘नेशनल एक्स-आर्मी एंड पुलिस ऑर्गनाइजेशन ऑफ नेपाल’ (एनईएपीओएन) के सम्मेलन में यह बात कही।
सत्तारूढ़ सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष ओली ने बृहस्पतिवार को कहा कि न्यायिक व्यवस्था को 1996 से 2006 तक चले संघर्ष के पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित करना चाहिए।
ओली ने संघर्ष-काल के अपराधों की जांच करने और न्याय प्रदान करने में दो न्यायिक निकायों — ‘ट्रुथ एंड रीकन्सिलिऐशन कमिशन (टीआरसी) और ‘कमिशन ऑफ इन्वेस्टीगेशन ऑन एन्फोर्स्ड डिसपिर्ड पर्सन्स (सीआईईडीपी) के महत्व पर भी जोर दिया।
उन्होंने इन निकायों के प्रभावी कामकाज में देरी को स्वीकार किया, लेकिन इस बात पर जोर दिया कि आगे और विलंब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
नेपाल में माओवादी संघर्ष 1996 से 2006 तक चला था, जिसमें 17,000 से ज्यादा लोग मारे गए थे। संघर्ष का अंत 2006 में शांति समझौते के साथ हुआ, जिसके बाद नेपाल एक लोकतांत्रिक गणराज्य बना।