जयपुर, 16 अप्रैल (भाषा) राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने संशोधित पीकेसी-ईआरसीपी (पार्वती कालीसिंध चंबल- पूर्वी राजस्थान नहर) परियोजना को राज्य के लिए महत्वाकांक्षी करार देते हुए बुधवार को कहा कि इस परियोजना से 17 जिलों में पेयजल व सिंचाई सहित अन्य जरूरतें पूरी होंगी।
उन्होंने कहा कि सरकार इस परियोजना के लिए सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध करवाएगी।
शर्मा यहां जल संसाधन विभाग, इंदिरा गांधी नहर विभाग, सिंचित क्षेत्र विकास एवं जल उपयोगिता विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
उन्होंने कहा संशोधित पीकेसी-ईआरसीपी परियोजना प्रदेश की महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिसके माध्यम से प्रदेश के 17 जिलों में पेयजल एवं सिंचाई के साथ ही इन जिलों में स्थापित होने वाले उद्योगों को भी आवश्यकता के अनुरूप पानी मिल सकेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी दो वर्ष में इस परियोजना को पूरा करने के लक्ष्य के साथ मिशन मोड पर कार्य किया जाएगा और राज्य सरकार इसके लिए संबंधित विभाग को मानव संसाधन, नियमों में सरलीकरण सहित अन्य सभी सहायताएं उपलब्ध कराएगी।
शर्मा ने इस परियोजना की नियमित निगरानी सुनिश्चित करते हुए प्रत्येक 15 दिन में मुख्यमंत्री कार्यालय को रिपोर्ट प्रस्तुत करने और भूमि अवाप्ति के कार्यों में समन्वय के लिए विशेष रूप से अधिकारियों को नियुक्त करने का निर्देश दिया।
आधिकारिक बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री ने परियोजना की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि परियोजना को त्वरित गति प्रदान करने के लिए प्रथम चरण में 9,600 करोड़ रुपये के कार्यों के कार्यादेश जारी किए जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यमुना जल समझौते के प्रथम चरण में ताजेवाला हैड से राजस्थान में जल लाने के लिए प्रवाह प्रणाली हेतु संयुक्त रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने पर सहमति बनी है।
उन्होंने कहा कि डीपीआर के लिए गठित संयुक्त कार्यबल की पहली बैठक सात अप्रैल को यमुनानगर में हो चुकी है और दूसरी बैठक 20 अप्रैल को पिलानी में होगी। शर्मा ने परवन वृहद बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि परियोजना में बांध निर्माण कार्य एवं पाइपलाइन वितरण प्रणाली से लेकर डिग्गी एवं पंप हाउस कार्यां में गति लाई जाए।
उन्होंने साथ ही धौलपुर लिफ्ट सिंचाई परियोजना एवं ईसरदा पेयजल परियोजना को जून में पूरा करने के निर्देश दिए।