पिग्मेंटेशन को हल्के में न लें

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अक्सर लोग जब स्किन टोन एक सा नहीं लगता, इसकी परवाह नहीं करते पर जब त्वचा पर पैचेज दिखते हैं तब चिंता करते हैं और स्पेशलिस्ट के पास भागते हैं दिखाने को। इनमें से भी कई लोग घरेलू नुस्खे आजमाते रहते हैं। कभी कभी कुछ लाभ तो हो जाता है पर कई लोगों को इसका अधिक लाभ नहीं होता। जब त्वचा अधिक डार्क लगती है तो उन्हें चिंता सताती है और डॉक्टर से परामर्श करने जाते हैं। ये सारी परिस्थितियां त्वचा की पिग्मेंटेशन को दर्शाती हैं।
डार्क हो गई त्वचा को घिस घिस कर साफ न करें नहीं तो त्वचा और अधिक डार्क हो जाएगी और भद्दी लगेगी। पिग्मेंटेशन की समस्या किसी भी आयु वर्ग के लोगों को हो सकती है।
हाइपर पिग्मेंटेशन के लिए:- स्पेशलिस्ट्स का मानना है कि हमारे पास अधिकतर लोग तब आते हैं जब उनकी त्वचा का रंग डार्क होने लगता है। तब उन्हें हम कुछ क्रीमें प्रयोग करने को देते हैं। इस क्रीम को रात्रि में लगाया जाता है, तभी परिणाम अच्छे होते हैं। इस क्रीम में माइल्ड स्टीरॉयड्स, ट्रिटिनाइन, हाइड्रोक्विनोन मौजूद होते हैं। कभी-कभी इनसे बर्निंग व इरिटेशन हो सकती है। ऐसे में अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
अन्य वजहें:- वैसे तो तवचा के रंग में बदलाव या पैची होना अक्सर तेज धूप से होता है। धूप के अलावा अन्य भी कारण हैं जैसे इंफेक्शन, स्टेªस, एग्जिमा, वंशानुगत किसी कॉस्मेटिक का कुप्रभाव, दवा का कुप्रभाव आदि, इसलिए विशेषज्ञ को दिखा कर ही इलाज प्रारंभ करें। अपनी मर्जी या विज्ञापनों के आधार पर क्रीमों का प्रयोग न करें।
यूवीए से सुरक्षित रखें त्वचा कोः- पिग्मेंटेशन किसी भी कारण से हो पर धूप से त्वचा का बचाव अति आवश्यक है। यू वी ए रेज त्वचा पर सीधा प्रभाव डालती हैं। इन रेज के कारण त्वचा कैंसर तक हो सकता है। तेज धूप में बाहर न निकले। अगर निकले भी तो गॉग्लज, कैप, स्कार्फ व छाता लेकर निकलें ताकि धूप से त्वचा का बचाव हो सके। प्रातः 11 बजे तक बाहरी काम कर घर पर आ जाएं, फिर शाम को ही बाहर निकलें जब धूप कम हो जाए।
सन टैनिंग से बचने के लिए सनस्क्रीन का प्रयोग करें। सनस्क्रीन बाहर जाने से पूर्व आधा घंटा पहले लगा लें। 20 एस पी एफ वाला सनक्रीन प्रयोग में लाएं। वैसे जब भी दिन में बाहर निकलें या घर पर भी रहें तो सनस्क्रीन अवश्य लगाएं क्योंकि बादल होने पर भी सूर्य की किरणें थोड़ा अपना प्रभाव छोड़ती हैं और त्वचा को नुकसान पहुंचाती हैं। नियमित सनस्क्रीन का प्रयोग करें और त्वचा को यू वी ए किरणों से बचा कर रखें।
पीलिंग भी है लाभप्रद:- पिग्मेंटेशन से निजात पाने के लिए पीलिंग भी एक प्रक्रिया है। विटामिन  ए वाला यलो यलो पील आजकल टेªंड में है। इसमें ग्लाईकोलिक एसिड, मैंडेलिक एसिड और लैक्टिक एसिड का प्रयोग किया जाता है। त्वचा और पिग्मेंटेशन के स्तर पर फैसला किया जाता है कि कौन सा पील लाभप्रद है। आमतौर पर 10 से 12 सिटिंग्स की आवश्यकता पड़ती है।

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