जम्मू, 16 अप्रैल (भाषा) न्यायमूर्ति अरुण पाली ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख उच्च न्यायालय के 38वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि न्यायमूर्ति पाली को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पद की शपथ दिलाई। यह शपथ ग्रहण समारोह जम्मू के कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथेर, उच्च न्यायालय और अधीनस्थ अदालत के न्यायाधीशों तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी एस संधवालिया, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के वर्तमान एवं सेवानिवृत्त न्यायाधीश, अधिवक्ता, न्यायमूर्ति पाली के परिजन और मित्रगण भी समारोह में उपस्थित थे।
न्यायमूर्ति ताशी रबस्तान के नौ अप्रैल को सेवानिवृत्त होने के बाद, न्यायमूर्ति संजीव कुमार कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य कर रहे थे। केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय ने 12 अप्रैल को न्यायमूर्ति पाली की नियुक्ति को लेकर अधिसूचना जारी की थी।
भारत के प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाले उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम ने चार अप्रैल को न्यायमूर्ति पाली को जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश की थी।
न्यायमूर्ति पाली ने वाणिज्य में स्नातक और चंडीगढ़ स्थित पंजाब विश्वविद्यालय से वर्ष 1988 में कानून की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में वकालत शुरू की।
उन्हें सिविल, आपराधिक, संवैधानिक, राजस्व, औद्योगिक और श्रम कानून सहित विभिन्न विधिक क्षेत्रों में विशेषज्ञता प्राप्त है। वह एक सितंबर, 2004 को पंजाब के अतिरिक्त महाधिवक्ता नियुक्त किए गए थे और मार्च 2007 तक इस पद पर कार्यरत रहे।
उन्हें 26 अप्रैल, 2007 को वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया। उन्होंने उच्च न्यायालय में कई विवादास्पद मामलों में न्याय मित्र (एमिकस क्यूरी) के रूप में कार्य किया।
न्यायमूर्ति पाली ने कई महत्वपूर्ण विधिक प्रश्नों से जुड़े मामलों की सुनवाई खंडपीठ और पूर्ण पीठ के समक्ष की। उन्होंने उच्चतम न्यायालय, दिल्ली उच्च न्यायालय और हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में भी महत्वपूर्ण मामलों की पैरवी की।
उन्हें 28 दिसंबर, 2013 को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था।
वह 31 मई, 2023 से हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में कार्य कर रहे थे और 31 अक्टूबर, 2023 को उन्हें दो वर्षों के लिए राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) की संचालन समिति का सदस्य भी नामित किया गया था।