देहरादून, 15 अप्रैल (भाषा) उत्तराखंड वक्फ बोर्ड ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम का समर्थन करते हुए ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) सांसद असदुद्दीन ओवैसी द्वारा कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली रिट याचिका में हस्तक्षेप करने की अनुमति देने का अनुरोध करते हुए उच्चतम न्यायालय में एक अर्जी दायर की है।
वक्फ बोर्ड के एक सूत्र ने बताया कि हाल में संसद द्वारा पारित अधिनियम का समर्थन करने के लिए बोर्ड की ओर से सोमवार को एक हलफनामे के साथ शीर्ष अदालत में हस्तक्षेप अर्जी दायर की गयी।
बोर्ड ने अपनी अर्जी में कहा कि राज्य में वक्फ संपत्तियों के प्रशासन और प्रबंधन का जिम्मा उत्तराखंड वक्फ बोर्ड को सौंपा गया है, जो इस मामले में एक महत्वपूर्ण और आवश्यक पक्ष है।
बोर्ड ने बताया कि उसे अदालत की सहायता करने और मामले से जुड़े मुद्दों पर उचित कानूनी व तथ्यात्मक दलीलें देने की अनुमति दी जानी चाहिए।
बोर्ड के मुताबिक, उत्तराखंड में वर्तमान में 5,317 वक्फ संपत्तियां हैं।
बोर्ड ने अपनी अर्जी में कहा, “राज्य में वक्फ संपत्तियों में अचानक वृद्धि इन दावों की वास्तविकता पर सवाल उठाती हैं। कई वक्फ संपत्तियां ऐसी भी हैं जिन पर तीसरे व्यक्तियों ने अतिक्रमण कर लिया है।”