मेघालय में 11 और खनिकों को जल्द ही वैज्ञानिक पद्धति से कोयला खनन की अनुमति मिलेगी: मुख्यमंत्री

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शिलांग, नौ अप्रैल (भाषा) मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा ने कहा कि राज्य में कोयले का वैज्ञानिक पद्धति से खनन शुरू करने के लिए 11 और खनिकों को जल्द ही खनन की अनुमति मिल जाएगी।

मुख्यमंत्री ने मंगलवार को कहा कि अब तक तीन खनिकों ने केंद्रीय प्राधिकारियों द्वारा निर्धारित वैज्ञानिक खनन विधियों का उपयोग करके कोयला निकालना शुरू कर दिया है और वे सुरक्षित परिवहन के मुद्दों से निपट रहे हैं।

संगमा ने कहा, ‘‘कोयला निकालने के कार्य से कोयला मंत्रालय के संतुष्ट होने के बाद राज्य में तीन खनिकों द्वारा वैज्ञानिक तरीके से कोयला खनन शुरू कर दिया गया है।’’

संगमा ने कहा कि नवीनतम जानकारी के अनुसार, राज्य में कोयला निकालने के मकसद से अन्य 11 खनिक भी मंत्रालय से अनुमति का इंतजार कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पास सटीक संख्या नहीं है, लेकिन एक से दो महीने में अन्य 10 से 11 खनिकों को वैज्ञानिक तरीके से कोयला निकालने की अनुमति मिल जाएगी। इन खनिकों में अधिकतर पूर्वी जैंतिया हिल्स और पश्चिमी खासी हिल्स निवासी शामिल हैं।’’

मेघालय में पूर्वी जैंतिया हिल्स में दशकों से बंद पड़े खनन को 17 मार्च 2025 को फिर से शुरू कर दिया गया।

मुख्यमंत्री ने बाइंदीहाती पूर्वी जैंतिया हिल्स जिले के सरिंगखाम-ए ब्लॉक में पहले वैज्ञानिक कोयला खनन ब्लॉक का ‘वर्चुअल’ माध्यम से उद्घाटन किया।

कोयला मंत्रालय ने जनवरी 2025 में तीन कोयला खनन पट्टों को मंजूरी दी थी, जिसमें पूर्वी जैंतिया हिल्स में सरिंगखम-ए और लुमिया-खी-वाह सारंग और पश्चिम खासी हिल्स में पिंडेंग-शालंग शामिल हैं।

मेघालय में कोयला खदानों में हुई कई त्रासदियों के साथ ही पर्यावरण पर इसके विनाशकारी प्रभाव की अनेक शिकायतों के बाद राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने रैट होल खनन पर प्रतिबंध लगा दिया था।

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