ईपीएफओ सदस्य अब चेहरा सत्यापन से बना सकते हैं अपना यूएएनः मांडविया

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नयी दिल्ली, आठ अप्रैल (भाषा) सेवानिवृत्ति कोष निकाय ईपीएफओ की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जुड़े कर्मचारी अब चेहरा सत्यापन के जरिये यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) और संबंधित सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं। केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

मांडविया ने बिहार के छह जिलों- अररिया, सहरसा, औरंगाबाद, बांका, पूर्वी चंपारण और गोपालगंज को कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के तहत पूर्ण रूप से अधिसूचित करने की भी घोषणा की। इससे ईएसआईसी की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के दायरे में लगभग 24,000 अतिरिक्त बीमित कर्मचारी आ जाएंगे।

मांडविया ने संवाददाताओं से कहा कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने चेहरे के सत्यापन के जरिये भविष्य निधि का यूएएन आवंटित करने और उसे सक्रिय करने के लिए उन्नत डिजिटल सेवाएं शुरू की हैं। यह ईपीएफओ के करोड़ों सदस्यों के लिए संपर्क-रहित, सुरक्षित और पूरी तरह से डिजिटल सेवा वितरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

उन्होंने कहा कि अब कर्मचारी ‘उमंग’ मोबाइल ऐप की मदद से आधार चेहरा सत्यापन प्रौद्योगिकी (एफएटी) का उपयोग करके सीधे अपना यूएएन सृजित कर सकते हैं। कोई भी नियोक्ता किसी भी नए कर्मचारी के लिए आधार एफएटी का उपयोग करके यूएएन बनाने के लिए उमंग ऐप का इस्तेमाल कर सकता है।

श्रम मंत्री ने कहा कि जिन सदस्यों के पास पहले से ही यूएएन है लेकिन उन्होंने अभी तक इसे सक्रिय नहीं किया है, वे अब आसानी से उमंग ऐप के माध्यम से अपना यूएएन सक्रिय कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में ईपीएफओ पेंशनभोगियों को उनके दरवाजे पर सेवाएं देने के लिए ‘माई भारत’ के सहयोग में चेहरा सत्यापन प्रौद्योगिकी से ‘जीवन प्रमाण’ मुहैया कराते हुए डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र को भी बढ़ावा देगा।

वित्त वर्ष 2024-25 में ईपीएफओ ने 1.26 करोड़ यूएएन आवंटित किए। हालांकि, इनमें से केवल 44 लाख यूएएन ही सदस्यों द्वारा सक्रिय किए गए थे।

केंद्रीय मंत्री ने बिहार में ईएसआईसी के विस्तार पर कहा कि फिलहाल बिहार के कुल 38 में से 27 जिले पूरी तरह से अधिसूचित हैं और 11 जिले आंशिक रूप से अधिसूचित हैं। छह जिलों के बारे में अधिसूचना जारी होने के बाद यह संख्या बढ़कर 33 जिलों की हो जाएगी।

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