सरकार नशामुक्त भारत अभियान के लिए सख्त कदम उठा रही है : मंत्री

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देहरादून, आठ अप्रैल (भाषा) केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार ने मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार नशामुक्त भारत अभियान के लिए सख्त कदम उठा रही है लेकिन इसका लक्ष्य हासिल करने के लिए समाज की सहभागिता भी जरूरी है ।

केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के दो दिवसीय चिंतन शिविर के समापन के बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए मंत्री ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि 15 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से नशामुक्त भारत अभियान के लिए जनता का आह्वान किया था।

उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में गृह विभाग नशे के कारोबार में लगे व्यक्तियों के विरूद्ध सख्ती से कदम उठा रहा है और कोकीन, हेरोईन तथा सूंघने वाले ड्रग जैसी रिकार्ड तोड़ मादक सामग्री जब्त की जा रही है।

मंत्री ने कहा कि पहले मादक पदार्थों को जब्त करने के बाद जमा कर दिया जाता था, लेकिन अब उन्हें भटिटयों में डालकर नष्ट किया जा रहा है।

हालांकि, उन्होंने कहा कि केवल सरकारों के प्रयास से नशामुक्त भारत के अभियान का लक्ष्य नहीं हासिल होगा।

उन्होंने कहा, ‘यह अभियान केवल केंद्र या राज्य सरकारों के प्रयासों से लक्ष्य प्राप्त नहीं करेगा ।’ उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य के लिए समाज की सहभागिता और सामाजिक तथा अध्यात्मिक संगठनों का सहयोग भी जरूरी है।

उन्होंने कहा कि इस दिशा में भी सरकार ने कदम आगे बढ़ाए हैं और श्री श्री संत निरंकारी मिशन, प्रजापिता ब्रहमकुमारी समाज, गायत्री परिवार तथा इस्कॉन जैसे संगठनों के माध्यम से लोगों को नशे के विरूद्ध जाग्रत किया जा रहा है।

विभाग द्वारा बांटी जाने वाली छात्रवृत्तियों में अनियमितताओं के संबंध में पूछे जाने पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि डीबीटी के जरिए छात्र के खाते में सीधे राशि स्थानांतरित किए जाने के पीछे की सोच यही है कि इससे न केवल गड़बडियों पर रोक लगायी जा सके बल्कि इसमें देरी भी न हो ।

मंत्री ने यह भी बताया कि 500 या उससे अधिक की आबादी वाले ऐसे गांवों को, जिानमें 40 प्रतिशत आबादी अनुसूचित जाति की हो, प्रधानमंत्री आदर्श गांव घोषित किया जा रहा है । उन्होंने बताया कि लगभग 29,000 ऐसे गांव चिन्हित किए गए हैं जिनमें से 11076 गांवों को आदर्श गांव घोषित किया गया है ।

कुमार ने बताया कि इस चिंतन शिविर में 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मंत्रियों और अधिकारियों ने हिस्सा लिया तथा अपने—अपने राज्य में समाज कल्याण से जुड़ी योजनाओं के बारे में अपने सुझाव एवं उनके क्रियान्वयन में आने वाली परेशानियां साझा कीं ।

उन्होंने कहा कि मंत्रालय का उददेश्य केंद्र की योजनाओं को समग्र रूप से राज्यों में लागू करना है ताकि उनका लाभ जरूरतमंदों तक पहुंचे ।

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