कठुआ (जम्मू-कश्मीर), सनातन धर्म को भारतीय संस्कृति का सार बताते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि हाल के जी20 शिखर सम्मेलन में ‘वसुधैव कुटुंबकम’ का दर्शन आर्थिक विचारों पर छाया रहा।
अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, चीन और फ्रांस जैसे देशों वाले प्रभावशाली समूह का शिखर सम्मेलन भारत की अध्यक्षता में नौ और 10 सितंबर को दिल्ली में आयोजित किया गया था। इसका विषय ‘वसुधैव कुटुंबकम-एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ था।
संघ प्रमुख ने यहां जम्मू-कश्मीर में संगठन के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में जी20 पहल की योजना के माध्यम से आर्थिक विचारों पर मानवीय विचार छाए रहे।
उन्होंने कहा कि जी20 आर्थिक और कूटनीतिक पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करता है और इन पहलुओं पर चर्चा होती है।
भागवत ने कहा, ‘‘भारत मेजबान बना और परिणाम क्या रहा? जो लोग आर्थिक विचारधारा में विश्वास करते हैं, उन्होंने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के मानवीय विचारों को स्वीकार किया।’’
उन्होंने कहा कि ‘वसुधैव कुटुंबकम’ का मानवीय दर्शन हाल के जी20 में आर्थिक विचारों पर छाया रहा।