बीते दस साल में विभिन्न देशों से भारत की 642 प्राचीन कलाकृतियों को वापस लाया गया : शेखावत

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नयी दिल्ली, 27 मार्च (भाषा) सरकार ने बृहस्पतिवार को बताया कि बीते करीब दस साल के दौरान विभिन्न देशों से भारत की 642 प्राचीन कलाकृतियों को स्वदेश वापस लाया गया है और 72 अन्य कलाकृतियों को वापस लाने की प्रक्रिया चल रही है।

संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने राज्यसभा को पूरक प्रश्नों के जवाब में बताया कि 1955 से 2014 के बीच, 1970 में एक ‘अंतरराष्ट्रीय संधि’ होने के बावजूद देश में मात्र ऐसी 13 कलाकृतियां आईं।

उन्होंने बताया ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा ‘विरासत पर गौरव’ संकल्प पर जोर दिए जाने की वजह से 2014 से वर्तमान तक 642 से अधिक ऐसी कलाकृतियां भारत वापस आई हैं।’’

उन्होंने बताया कि भारत के एक नागरिक ने सूचना दी थी कि उसने 1990 में एक प्रतिमा बोध गया में देखी थी। जो 297 प्रतिकृतियां आई हैं उनमें एक मूर्ति इसी सूचना के आधार पर की गई कार्रवाई के फलस्वरूप भारत आई हैं।

शेखावत ने बताया कि बेल्जियम, फ्रांस और सिंगापुर सहित कई देशों से 72 कलाकृतियों को भारत लाने की प्रक्रिया चल रही है।

शेखावत ने बताया कि ऐसी संपदा को विदेश से भारत लाने की प्रक्रिया बहुत लंबी होती है और इसमें कलाकृति के स्रोत, उसके ऐतिहासिक महत्व से लेकर कई बातों को साबित करना होता है। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया को पूरी करने के बाद 297 कलाकृतियां भारत लाई गई हैं और इन पर अभी तक किसी भी राज्य या संग्रहालय की ओर से कोई दावा नहीं किया गया है।

उन्होंने बताया कि यहां लाने के बाद भी कलाकृतियों के संबंध में कई औपचारिकताएं पूरी की जाती हैं।

शेखावत ने बताया कि नयी दिल्ली में ऐसी कृतियों को रखने के लिए पुराने किले में विशेष संग्रहालय बनाया गया है। उनके अनुसार, संसद में भी ऐसी 11 प्रतिमाओं को प्रदर्शित किया गया है।

उन्होंने बताया कि सांस्कृतिक संपत्ति के संबंध में अमेरिका के साथ एक समझौता हुआ है जो ऐसी पुरा संपदाओं का बाजार भी है। उन्होंने बताया कि अन्य देशों के साथ समझौते की प्रक्रिया चल रही है।

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