इन दिनों परिवारों में साथ बैठ कर खाने का चलन बेहद कम हो गया है। पेरेंट्स व्यस्त रहते हैं और बच्चों की अपनी व्यस्ताएं हैं। हर कोई ब्रेकफास्ट से ले कर डिनर तक तब खाता है, जब वह खाना चाहता है। असल में परिवार में साथ खाना खाने का बहुत महत्त्व है। सीखते हैं आदर देना: बहुत से परिवारों मंे जो बच्चे केवल मां के साथ बैठ कर खाना खाते हैं, वे यह सोचने लग जाते हैं कि मां का महत्व परिवार में पिता से ज्यादा है। वह भी उनको महत्त्व देती है, इसीलिए साथ बैठ कर खाती है जबकि पिता हमेशा व्यस्त रहते हैं। असल में जब सभी लोग हर दिन साथ बैठ कर खाना खाते हैं तो बच्चे माता-पिता, दोनों को आदर देना सीखते हैं। वे जानते हैं कि उनके माता-पिता बहुत व्यस्त हैं लेकिन फिर भी उन्होंने उनके लिए वक्त निकाला। परस्पर वार्तालाप होता है: यह सही है कि आप एकदूसरे से दिन में कभी भी बातें कर सकते हैं लेकिन जरा सोचिए ऐसा कितनी बार होता है, जब आप सभी इकट्ठा होते हैं? साथ खाना एकदूसरे को देखने और बातें करने का बहुत अच्छा मौका है। बस इतना जरूर निश्चित कर लें कि आप बुरी बातें शेयर न करें। कुछ प्रेरणा देने वाली बातों, अच्छी आदतों पर चर्चा करें। किसी फैमिली ट्रिप की भी योजना बनाएं। इस तरह से आपके बच्चे खाने के वक्त को सकारात्मक बातों और स्वादिष्ट खाने से जोड़ पाएंगे। सीखते हैं टेबल मैनर्स: जब आपके बच्चे छोटे होते हैं तो साथ खाना खाने से आप उन्हें आसानी से टेबल मैनर्स सिखा सकती हैं। आप उन्हें यह भी सिखा सकती हैं कि वक्त पर खाना खाना क्यों जरूरी है ताकि घर के दूसरे सदस्यों को भूखा न रहना पड़े और टेबल पर कैसे व्यवहार किया जाए। इसके बाद आपके बच्चों से कभी कोई यह नहीं कह पाएगा कि उनके टेबल मैनर्स खराब हैं और आप भी चाहती हैं कि आपको अपने बच्चों पर हमेशा गर्व हो। बनती हैं सुखद यादें: जब आपके बच्चे बड़े होंगे तो वे उस माहौल और उस दौरान हुए हंसी-मजाक को कभी नहीं भूलेंगे। वे जानेंगे कि एक परिवार के लिए साथ खाना कितना महत्त्वपूर्ण है और वे अपने बच्चों को भी यह सिखाएंगे। इस तरह से साथ खाने की यह परंपरा एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक हस्तांतरित होती रहेगी और साथ ही परिवार से जुड़ी यादें भी नई पीढ़ी काफी हद तक याद रख पाएगी। बढ़ती है पारिवारिक एकता: अगर परिवार में कोई ऐसी समस्या आ रही है जिसका हल आप अकेले नहीं निकाल सकतीं तो फिर घर में साथ खाना खाने की परंपरा शुरू कीजिए। यह परिवार की एकता बढ़ाने, बच्चों के साथ रिश्ते सुधारने और आपके पति की बेहतर पिता बनने में मदद करने का बेहतर अवसर है। साथ खाने से और परिवार में आ रही समस्याओं के बारे में चर्चा करने से आपको उससे बाहर निकलने के कई सुझाव मिलेंगे। यकीन जानिए, कई बार छोटे बच्चे भी बहुत अच्छे सुझाव देते हैं।