नयी दिल्ली, 19 मार्च (भाषा) शादी-विवाह के सीजन से पहले आभूषण विक्रेताओं की सतत लिवाली के कारण बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सर्राफा बाजार में सोने की कीमत 700 रुपये के उछाल के साथ 91,950 रुपये प्रति 10 ग्राम के नए सर्वकालिक रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंच गई। अखिल भाारतीय सर्राफा संघ ने यह जानकारी दी।
इसके अलावा, पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव और अमेरिकी आर्थिक मंदी की चिंताओं ने सुरक्षित-संपत्तियों की मांग को बरकरार रखा है।
पिछले कारोबारी सत्र में 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 91,250 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।
99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 700 रुपये बढ़कर 91,500 रुपये प्रति 10 ग्राम की रिकॉर्ड ऊंचाई को छू गया।
बाजार सूत्रों ने कहा कि त्योहारी और शादी-ब्याह के मौसम की मांग को पूरा करने के लिए स्थानीय आभूषण विक्रेताओं की लिवाली बढ़ने तथा विदेशी बाजारों में मजबूती के रुख से सोने की कीमतें इस साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं।
चांदी की कीमत भी 1,000 रुपये की तेजी के साथ 1,03,500 रुपये प्रति किलोग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई, जबकि मंगलवार को चांदी का भाव 1,02,500 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुआ था।
एलकेपी सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष शोध विश्लेषक -जिंस और मुद्रा जतिन त्रिवेदी ने कहा, ‘‘सोने की कीमतों में कुल मिलाकर तेजी का रुख रहा, लेकिन आज रात फेडरल रिजर्व की बहुप्रतीक्षित नीतिगत समीक्षा और टिप्पणी से पहले यह सीमित दायरे में रही।’’
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में, हाजिर सोना 0.15 प्रतिशत बढ़कर 3,039.22 डॉलर प्रति औंस हो गया। सत्र के दौरान, यह 3,045.39 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंच गया।
अबन्स फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) चिंतन मेहता ने कहा, ‘‘पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव और डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के तहत व्यापार युद्ध की आशंकाओं ने वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता पैदा कर दी है, जिससे सुरक्षित निवेश की मांग बढ़ने के कारण सोने की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गईं।
उन्होंने कहा, ‘‘इस अनिश्चितता ने दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों को अभूतपूर्व स्तर पर सोने का भंडार करने के लिए प्रेरित किया है।’’
मेहता ने कहा कि इसके अलावा, गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ) में निवेश बढ़ गया है। इसमें फरवरी में 9.4 अरब डॉलर का रिकॉर्ड प्रवाह देखने को मिला।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक-जिंस सौमिल गांधी के अनुसार, व्यापारी अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक के नतीजों पर बारीकी से नजर रख रहे हैं।
हालांकि, उन्होंने कहा कि यदि वर्ष के अंत में आर्थिक स्थिति में सुधार होता है, तो स्वर्ण बाजार में धारणा बदल सकती है।