बेंगलुरु, 19 मार्च (भाषा) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष वी नारायणन ने बुधवार को कहा कि अंतरिक्षयात्री सुनीता विलियम्स की सुरक्षित वापसी एक उल्लेखनीय उपलब्धि है और यह नासा, ‘स्पेसएक्स’ तथा अंतरिक्ष अभियान के प्रति अमेरिका की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत अंतरिक्ष अभियान में विलियम्स की विशेषज्ञता का उपयोग करने की इच्छा रखता है।
नारायणन ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘सुनीता विलियम्स आपका स्वागत है। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर एक विस्तारित मिशन के बाद आपकी सुरक्षित वापसी एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। नासा, ‘स्पेसएक्स’ और अंतरिक्ष अभियान को लेकर अमेरिका की प्रतिबद्धता का प्रमाण।’’
उन्होंने कहा कि विलियम्स की दृढ़ता और समर्पण दुनियाभर में अंतरिक्ष के क्षेत्र में रुचि रखने वाले लोगों को प्रेरित करते रहेंगे।
नारायणन ने कहा, ‘‘अंतरिक्ष विभाग के सचिव एवं इसरो के अध्यक्ष के तौर पर मैं अपने सहयोगियों की ओर से आपको हार्दिक बधाई देता हूं और आपके अच्छे भविष्य की कामना करता हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जब माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में भारत को एक विकसित देश बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है, तो ऐसे में हम अंतरिक्ष अभियान में आपकी विशेषज्ञता का उपयोग करने की इच्छा रखते हैं।’’
नासा से जुड़े अंतरिक्ष यात्री विलियम्स, निक हेग और बुच विल्मोर तथा रोस्कोस्मोस के अंतरिक्ष यात्री अलेक्जेंडर गोरबुनोव बुधवार तड़के स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्ष यान पर सवार होकर पृथ्वी पर लौट आए। यह यान समुद्र में फ्लोरिडा के तलाहासे अपतटीय क्षेत्र में उतरा।
पूर्व अमेरिकी नौसैन्य कप्तान विलियम्स (59) का जन्म 19 सितंबर 1965 को यूक्लिड, ओहियो में हुआ था। उनके पिता दीपक पंड्या गुजरात के मेहसाणा जिले के झूलासन से थे तथा मां उर्सुलाइन बोनी पंड्या स्लोवेनिया से हैं।