नयी दिल्ली, 19 मार्च (भाषा) सरकार ने बुधवार को कहा कि ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुए की गतिविधियों से निपटने की दिशा में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है और इन पर विनियमन के लिए मसौदा नियम जारी कर दिए गए हैं।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में प्रश्नकाल में कहा कि इस तरह की गतिविधियों और ऑनलाइन गेमिंग के दुष्प्रभावों से निपटने के लिए राज्य सरकारों और केंद्र को मिलकर काम करना होगा।
उन्होंने कहा कि मध्यवर्ती (इंटरमीडियरी) के विनियमन के लिए मसौदा जारी कर दिया गया है, जिसमें विनियामक इकाई बनाने, ऑनलाइन गेमिंग में नुकसानदेह सामग्री नहीं होने, युवाओं और बच्चों को लत नहीं लगने, अभिभावकों का नियंत्रण बने रहने तथा आयु संबंधी नियम प्रस्तावित हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह के साइबर अपराधों से निपटने में प्रगति हो रही है। इस दिशा में प्रयास निरंतर जारी हैं। समाज में भी जागृति आ रही है। लोग समझ रहे हैं कि साइबर जगत की अच्छी चीजें लेनी चाहिए लेकिन उनकी बुराइयों से बचना चाहिए।’’
वैष्णव ने कहा कि कुल मिलाकर इस तरह के अपराधों से निपटने के लिए एक अच्छी विधिक रूपरेखा बनती जा रही है।
कांग्रेस सांसद एस जोतिमणि, तृणमूल कांग्रेस के कीर्ति आजाद और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के निशिकांत दुबे के पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए वैष्णव ने कहा कि जब भी इस तरह के उल्लंघन की घटनाएं केंद्र सरकार के संज्ञान में आती हैं तो संवैधानिक रूपरेखा के तहत कार्रवाई की जाती है।
सदस्यों ने देश में ऑनलाइन गेमिंग और गैंबलिंग से युवाओं और उनके परिवारों के बर्बाद होने की अनेक घटनाओं का जिक्र करते हुए इस पर चिंता जताई और सरकार से कार्रवाई की मांग की।
वैष्णव के अनुसार 2024 में 1097 ऐसी वेबसाइट को ब्लॉक किया गया।
उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था के मुद्दे के तहत जहां इस तरह के मामलों से निपटने की जिम्मेदारी राज्यों की है, वहीं इंटरमीडियरी (मध्यवर्ती) के रूप में ये वेबसाइट केंद्र के दायरे में आती हैं।
वैष्णव ने कहा, ‘‘इसलिए उल्लंघन हो तो कानूनों के तहत राज्य और केंद्र दोनों मिलकर इससे निपट सकते हैं।’’