नयी दिल्ली, 19 मार्च (भाषा) लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बुधवार को सदस्यों का आह्वान किया कि वे बहुत ही तत्काल और लोक महत्व के विषय पर ही कार्यस्थगन प्रस्ताव का नोटिस दें तथा आम मुद्दों और राज्यों से संबंधित विषयों पर नोटिस देकर इस संसदीय व्यवस्था की गंभीरता को कम नहीं करें।
उन्होंने सदन में प्रश्नकाल के बाद कई विपक्षी सदस्यों के कार्यस्थगन प्रस्ताव संबंधी नोटिस को अस्वीकार करते हुए यह व्यवस्था दी।
बिरला ने सदस्यों से यह भी कहा कि वे सदन में नोटिस आने से पहले उसे मीडिया एवं सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचारित-प्रसारित नहीं करें।
उन्होंने अपने कुछ पूर्ववर्ती अध्यक्षों द्वारा दी गई व्यवस्था का हवाला देते हुए कहा, ‘‘कार्यस्थगन प्रस्ताव बहुत ही असाधारण प्रावधान है जो सरकार का ध्यान तत्काल एवं लोक महत्व के मामलों की ओर आकर्षित करने के लिए लाया जाता है। इससे जुड़ा विषय तत्काल और सार्वजनिक महत्व का होना चाहिए।’’
उनका कहना था कि यह तब तक स्वीकार नहीं होता, जब तक सरकार संविधान और कानून द्वारा प्रदत्त उत्तरदायित्व का निर्वहन करने में विफल नहीं हो।
बिरला के अनुसार, कई सदस्य रोजाना नोटिस देते हैं और कई बार तो राज्य के विषयों पर नोटिस देते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘एक ही राजनीति दल के सदस्य अलग अलग विषय पर सूचना देते हैं।’’
बिरला ने कहा कि एक ही दल के सदस्यों को मिलकर किसी एक विषय पर ही नोटिस देना चाहिए।
उनकी इस व्यवस्था को लेकर जब विपक्षी सदस्यों ने आपत्ति जताई तो बिरला ने कहा, ‘‘कभी भी अध्यक्ष के निर्देश को चुनौती नहीं दें।’’