नयी दिल्ली, 18 मार्च (भाषा) विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से किसी क्षेत्र पर ‘‘सबसे लंबे समय तक’’ अवैध कब्जा कश्मीर पर देखने को मिला है।
उन्होंने स्पष्ट रूप से पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के संदर्भ में यह बात कही।
जयशंकर ने संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता से संबंधित मुद्दों पर वैश्विक नियमों को चुनिंदा तरीके से लागू किये जाने का भी उल्लेख किया।
विदेश मंत्री ने ‘रायसीना डायलॉग’ के एक सत्र में एक ‘मजबूत और निष्पक्ष’ संयुक्त राष्ट्र की भी हिमायत की। साथ ही, उन्होंने कुछ मुद्दों से निपटने में हुए ऐतिहासिक अन्याय को लेकर चिंता जताई।
विदेश मंत्री ने कश्मीर पर पाकिस्तान के अवैध कब्जे का हवाला देते हुए कहा कि ‘‘हमलावर’’ और ‘‘पीड़ित’’ को एक ही श्रेणी में रखा गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, किसी देश द्वारा किसी क्षेत्र पर सबसे लंबे समय तक अवैध कब्जा भारत के कश्मीर से संबंधित है।’’
जयशंकर ने कहा, ‘‘हम संयुक्त राष्ट्र गए। जो आक्रमण था उसे विवाद बना दिया गया। हमलावर और पीड़ित को एक ही श्रेणी में रखा गया।’’
विदेश मंत्री ने कहा कि वैश्विक नियम-कायदे समान रूप से लागू किये जाने चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें एक मजबूत संयुक्त राष्ट्र की जरूरत है, लेकिन एक मजबूत संयुक्त राष्ट्र के लिए एक निष्पक्ष संयुक्त राष्ट्र की आवश्यकता है। एक मजबूत वैश्विक व्यवस्था में मानकों में कुछ बुनियादी स्थिरता होनी चाहिए।’’