नयी दिल्ली, 18 मार्च (भाषा) अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड ने मंगलवार को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ‘अमेरिका प्रथम’ की नीति को ‘‘केवल अमेरिका’’ के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए।
गबार्ड ने ‘रायसीना डायलॉग’ के एक सत्र में अपने संबोधन में कहा कि मौजूदा समय भारत-अमेरिका संबंधों को प्रगाढ़ करने और नयी ऊंचाइयों पर ले जाने का बहुत बड़ा अवसर है।
उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप ने पिछले महीने वाशिंगटन डीसी में अपनी बैठक में दोनों देशों के बीच समग्र द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिए दृष्टिकोण प्रस्तुत किया था।
गबार्ड ने कहा कि ट्रंप की ‘अमेरिका प्रथम’ नीति की तरह ही प्रधानमंत्री मोदी भी ‘इंडिया प्रथम’ दृष्टिकोण को लेकर प्रतिबद्ध हैं।
उन्होंने कहा कि यह गलतफहमी नहीं होनी चाहिए कि ‘अमेरिका प्रथम’ का मतलब केवल अमेरिका है।
अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक ने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि हमारे दोनों देशों के बीच यह साझेदारी और मित्रता लगातार बढ़ती रहेगी।’’
गबार्ड ने वाशिंगटन डीसी में मोदी-ट्रंप की बैठक को ‘‘दो पुराने दोस्तों का फिर से मिलना’’ बताया।
दुनिया में भू-राजनीतिक उथल-पुथल पर चर्चा करते हुए गबार्ड ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं।