अगर बच्चे अपने माता-पिता को अस्पताल में छोड़ते हैं तो उन्हें माता पिता की संपति ना दी जाए: मंत्री

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बेंगलुरु, 16 मार्च (भाषा) कर्नाटक के मंत्री शरण प्रकाश पाटिल ने रविवार को कहा कि अगर बच्चों ने अपने बुजुर्ग माता-पिता को अस्पतालों में छोड़ दिया है, तो उनकी संपत्ति का हस्तांतरण और वसीयत रद्द कर दी जानी चाहिए।

मंत्री ने कहा कि यह समस्या तब सामने आती है जब बुजुर्ग अपनी संपत्ति बच्चों के नाम पर कर देते हैं, और फिर बच्चे उन्हें अस्पतालों में छोड़कर चले जाते हैं।

अधिकारियों के अनुसार, एक गंभीर और अमानवीय घटना सामने आई है, जिसमें कई बुजुर्ग माता-पिताओं को उनके बच्चे सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में छोड़ आते हैं। यह अक्सर तब होता है जब बुजुर्ग अपनी संपत्ति बच्चों के नाम कर देते हैं।

मंत्री कार्यालय के एक बयान के अनुसार, “बेलगावी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (बीआईएमएस) में अकेले 150 से ज्यादा बुजुर्गों को छोड़ने के मामले सामने आए हैं जबकि राज्य के अन्य मेडिकल संस्थानों में 100 से ज्यादा ऐसे ही मामले देखने को मिले हैं।”

हाल ही में हुई समीक्षा बैठक में बीआईएमएस के निदेशक ने चिकित्सा शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री शरण प्रकाश पाटिल के समक्ष यह मुद्दा उठाया। इस पर मंत्री ने गहरी चिंता व्यक्त की और कहा कि इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए।

उन्होंने चिकित्सा शिक्षा निदेशक डॉ. बी.एल. सुजाता राठौड को निर्देश दिया कि वे सभी अस्पतालों और मेडिकल संस्थानों के प्रमुखों को इस बारे में सूचित करें और बच्चों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सहायक आयुक्तों (राजस्व उप-विभाग) के पास शिकायतें दर्ज कराएं।

उन्होंने कहा कि जिन बुजुर्ग माता-पिता ने अपनी संपत्ति या वसीयत अपने बच्चों के नाम पर कर दी है और फिर उन्हें अस्पतालों में छोड़ दिया गया है, उन संपत्तियों और वसीयत को रद्द किया जाना चाहिए।

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