सूर्य का दिशा परिवर्तन होने लगा है। इसके साथ ही दिन बड़ा होने लगा है। सूरज की धूप में मामूली तेजी आने लगी। ठंड की विदाई होने लगी है। गर्म कपड़े अब तन से उतरने लगे हैं। ठंड का सेहतमंद समय अब चला चली की बेला में है। यह ऋतु संक्रमण समय लोगों को बीमार कर रहा है। बदलती जीवन शैली एवं वातावरण के चलते लोग बीमार पड़ रहे हैं। सर्दी जुकाम, बुखार, मलेरिया, पीलिया, टायफाइड, डायरिया आदि बीमारियां होने लगी हैं। जब तापमान बदलता है, तब शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी आ जाती है जिससे रोगों का संक्रमण बढ़ जाता है। प्रदूषण बढ़ने लगता है। शरीर की पाचन क्षमता में कमी आ जाती है जिसके चलते सर्दी, जुकाम, बुखार जैसी बीमारियां होने लगी है। ठंड में कमी होने पर मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है जिससे मलेरिया, डेंगू आदि मच्छर के माध्यम से होने लगते हैं। प्रदूषित पानी, प्रदूषित खानपान एवं वातावरण के कारण पीलिया से पीडि़त होने की संभावना बढ़ जाती है। . साफ सफाई न होने से टायफाइड होने की संभावना बढ़ जाती है। . प्रदूषित पानी एवं बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण डायरिया का खतरा बढ़ जाता है। खानपान व रहन सहन बदलिए ऋतु संक्रमण काल में जरा सी ढिलाई करने पर बीमारियों एवं संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। पाचन में कमी होने लगती है अतएव ऐसे समय में भोजन में बदलाव जरूरी हो जाता है। भारी भोजन की अपेक्षा गर्म, सादा, सुपाच्य भोजन हितकर होता है। ऐसे में उपयुक्त श्रम व्यायाम करना स्वास्थ्य के लिए लाभदायी होता है। ऐसे समय में हर हाल में भारी एवं अधिक भोजन से बचना चाहिए। श्रम, व्यायाम करने से भोजन सरलता से पच जाता है। सावधान रहें:- मौसम बदलने के समय कुछ रोग तीव्रता के साथ सिर उठाने लगते हैं। बी.पी. एवं हृदय रोग पीडि़तों को खतरा बढ़ जाता है। पेड़ पौधों में पराग के कारण खांसी, अस्थमा का दौरा पड़ने लगता है। भोजन की अधिकता के कारण शुगर लेवल बढ़ने का खतरा रहता है। हड्डी एवं जोड़ों में दर्द वाले मरीजों की पीड़ा एवं परेशानी बढ़ जाती है। विवेकपूर्ण कदम उठाएं . भोजन ताजा, सादा, सुपाच्य एवं हल्का हो। मिर्च मसाला, तेल, घी, नमक और शक्कर की अधिकता से बचें। . श्रम व्यायाम कर शरीर चुस्त दुरूस्त रखें। . अस्थमा एवं एलर्जी पीडि़त सामने से आ रही हवा से बचें। उस तरफ पीठ कर लें। . गर्म पानी की अपेक्षा गुनगुने पानी से नहाएं। . मरीज अपनी निर्धारित दवा समय पर लें। . बी पी., हृदय रोग, शुगर पीडि़त अपनी जांच कराएं एवं आने वाली गर्मी, के लिए तैयार हो जाए। . मौसमी फल खाएं। नींबू संतरा सदैव लाभदायी हैं।