नयी दिल्ली, 15 मार्च (भाषा)संयुक्त किसान मोर्चा ने शनिवार को कहा कि वह चुनावी लाभ के लिए समाज के विभाजन को बर्दाश्त नहीं करेगा। संगठन ने साथ ही उत्तर प्रदेश के एक पुलिस अधिकारी और राज्य के कुछ भाजपा नेताओं द्वारा अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ दिये गए बयानों की निंदा की।
एसकेएम ने भारत के लोगों से नफरत फैलाने वाली गतिविधियों को नाकाम करने के लिए एकजुट होने का भी आह्वान किया।
संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बयान में उत्तर प्रदेश में होली के अवसर पर मस्जिदों को ढके जाने का जिक्र किया और मुसलमानों के खिलाफ टिप्पणी के लिए पुलिस उपाधीक्षक (संभल) अनुज कुमार चौधरी की निंदा की।
चौधरी ने कहा था कि जो लोग होली पर रंगों से असहज महसूस करते हैं, उन्हें घर के अंदर ही रहना चाहिए, क्योंकि यह त्योहार साल में एक बार आता है, जबकि जुमे की नमाज (शुक्रवार की नमाज) 52 बार होती है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता रघुराज सिंह ने सुझाव दिया था कि यदि मुस्लिम पुरुष होली पर नमाज के लिए बाहर निकलते समय रंगों से बचना चाहते हैं, तो उन्हें अपना चेहरा ढकना चाहिए।
किसान संगठनों के साझा मंच एसकेएम ने कहा, ‘‘यह और भी अधिक चौंकाने वाली बात है कि इन बयानों का उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा समर्थन किया गया और उन्हें दोहराया गया।’’
एसकेएम ने चौधरी को तत्काल निलंबित करने और उचित सजा देने तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सिंह से बिना शर्त माफी मांगने की मांग की।
बयान में कहा गया, ‘‘संयुक्त किसान मोर्चा प्रभुत्व और चुनावी लाभ के लिए समाज के विभाजन को बर्दाश्त नहीं करेगा और एक बार फिर भारत के लोगों से नफरत फैलाने वालों को हराने के लिए एकजुट होने का आह्वान करता है।’’
संगठन ने दिल्ली की सीमाओं पर अब निरस्त तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 2020-21 के किसानों के विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था। उसने सांप्रदायिक सौहार्द और सभी नागरिकों के अधिकारों और जीवन की गरिमा की रक्षा पर जोर दिया, चाहे उनकी धार्मिक मान्यताएं कुछ भी हों।
एसकेएम ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से भी अल्पसंख्यकों को लेकर अपना रुख स्पष्ट करने की मांग की।