संघर्ष और टकराव से किसी को लाभ नहीं होता, अब शांति और भाइचारे का वक्त : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

नयी दिल्ली,  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इजराइल-हमास युद्ध के बीच शुक्रवार को कहा कि दुनिया में जहां कहीं भी आतंकवाद है चाहे वह किसी भी रूप में हो, मानवता के विरुद्ध है और संघर्षों से किसी को फायदा होने वाला नहीं है। मोदी ने जोर दिया कि यह वक्त शांति और भाइचारे का है क्योंकि विभाजित विश्व बड़ी वैश्विक चुनौतियों का समाधान नहीं कर सकता।

प्रधानमंत्री यहां नौवें जी20 संसदीय अध्यक्ष शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने वैश्विक विश्वास में संकट को समाप्त करने और मानव-केंद्रित दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ने का आह्वान किया।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में जो कुछ भी घट रहा है, उससे आज कोई भी अछूता नहीं है। आज दुनिया संघर्षों और युद्ध जैसे संकटों से जूझ रही है। यह संकटों से भरी दुनिया किसी के भी हित में नहीं है। मानवता के सामने जो बड़ी चुनौतियां हैं, उनका समाधान एक बंटी हुई दुनिया नहीं दे सकती।’

उन्होंने कहा, ‘यह शांति और भाईचारे का समय है, साथ मिलकर चलने का समय है, साथ आगे बढ़ने का समय है। यह सब के विकास और कल्याण का समय है। हमें वैश्विक विश्वास के संकट को दूर करना होगा और मानव केंद्रित सोच पर आगे बढ़ना होगा।’

हालांकि प्रधानमंत्री ने किसी विशेष संकट या मुद्दे का जिक्र नहीं किया लेकिन उनकी टिप्पणी इजराइल और हमास में चल रहे युद्ध के बीच आई है. जिसमें बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई है।

मोदी ने आतंकवाद से निपटने के लिए एक सख्त रुख अपनाने का भी आह्वान किया।

उन्होंने कहा, ‘जैसा कि आप जानते हैं कि भारत दशकों से सीमा पार आतंकवाद का सामना कर रहा है। आतंकवादियों ने भारत में हजारों निर्दोषों की जान ली है। संसद के नए भवन के पास ही आपको भारत की पुरानी संसद भी दिखाई देगी। करीब 20 साल पहले आतंकवादियों ने हमारी संसद को भी निशाना बनाया था। और आप जानकर चौंक जाएंगे कि उस समय संसद का सत्र चल रहा था।’

उन्होंने कहा, ‘आतंकियों की तैयारी, सांसदों को बंधक बनाने की, उन्हें खत्म करने की थी। भारत ऐसी अनेक आतंकी वारदातों से निपटते हुए आज यहां पहुंचा है।’

मोदी ने कहा कि अब दुनिया को भी एहसास हो रहा है कि आतंकवाद दुनिया के लिए कितनी बड़ी चुनौती है।

उन्होंने कहा, ‘आतंकवाद चाहे कहीं भी होता हो, किसी भी कारण से होता हो, किसी भी रूप में होता है, लेकिन वो मानवता के विरुद्ध होता है। ऐसे में आतंकवाद को लेकर हम सभी को लगातार सख्ती बरतनी ही होगी।’

मोदी ने कहा कि आतंकवाद की परिभाषा को लेकर आम सहमति ना बन पाना बहुत दुखद है।

मोदी ने कहा, ‘आज भी संयुक्त राष्ट्र में आतंकवाद से निपटने पर अंतरराष्ट्रीय संधि के लिए सहमति का इंतजार है…। दुनिया के इसी रवैये का फायदा मानवता के दुश्मन उठा रहे हैं।’

अपने संबोधन में मोदी ने कहा कि दुनिया-भर की संसद और उनके प्रतिनिधियों को ये सोचना होगा कि आंतकवाद के विरुद्ध इस लड़ाई में हम कैसे मिलकर काम कर सकें।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए जन-भागीदारी से बेहतर कोई माध्यम नहीं हो सकता।

उन्होंने कहा, ‘मेरा हमेशा से ही मानना रहा है कि सरकारें बहुमत से बनती हैं, पर देश सहमति से चलता है।’

मोदी ने विश्व को एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य की भावना से देखने का आह्वान किया।

मोदी ने कहा कि दुनिया से जुड़े फैसले लेने में भागीदारी जितनी अधिक होगी, उतना ही बड़ा प्रभाव होगा।

उन्होंने कहा कि इसी भाव के साथ भारत ने अफ्रीकर संघ को जी-20 का स्थायी सदस्य बनाने का प्रस्ताव रखा।

मोदी ने कहा, ‘मुझे खुशी है कि सभी सदस्य देशों ने इसे स्वीकार किया।’ उन्होंने कहा कि जी20 की अध्यक्षता ने पूरे वर्ष भारत में उल्लेखनीय गतिविधियां सुनिश्चित कीं, चंद्रमा की सतह पर उतरने में भारत को मिली सफलता ने जश्न को और बढ़ा दिया।

उन्होंने कहा कि अगले साल भारत में होने वाले आम चुनावों में 100 करोड़ मतदाता मतदान करेंगे। मोदी ने पी-20 में आए सभी प्रतिनिधियों को अगले वर्ष होने वाले आम चुनाव देखने के लिए आमंत्रित किया।

उन्होंने कहा कि भारत में अभी तक 17 आम चुनाव और 300 से अधिक राज्य विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। मोदी ने कहा कि 2019 का आम चुनाव दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव था, जिसमें उनकी पार्टी लगातार दूसरी बार विजयी हुई थी।

मोदी ने कहा कि ईवीएम के उपयोग से चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता एवं दक्षता बढ़ी है और वोटों की गिनती शुरू होने के कुछ ही घंटों में चुनाव परिणाम आ जाते हैं।

उन्होंने भारत में सभाओं और समितियों की हजारों वर्षों की विरासत का भी संदर्भ दिया और कहा कि पांच हजार साल से भी अधिक पुराने ग्रंथों में सभाओं और समितियों की बात कही गई है।