नयी दिल्ली, सात मार्च (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को कहा कि विकास का लाभ समाज के सभी वर्गों, विशेषकर वंचितों और हाशिए पर पड़े लोगों तक पहुंचना चाहिए।
यहां राष्ट्रपति भवन में उनसे मुलाकात करने आए राज्य लोक सेवा अधिकारियों के एक समूह को संबोधित करते हुए मुर्मू ने उनसे अपने कामकाज में स्थिरता और समावेशिता के सिद्धांतों को बनाए रखने का भी आग्रह किया।
राष्ट्रपति ने अधिकारियों को प्रशासनिक कार्यप्रणाली और सरकारी नीतियों एवं कार्यक्रमों के कार्यान्वयन में राष्ट्रीय एवं समावेशी दृष्टिकोण अपनाने की सलाह दी।
उन्होंने कहा कि शासन का सार लोगों की आवश्यकताओं के प्रति जवाबदेही और संवेदनशीलता में निहित है। उन्होंने कहा, ‘‘साथ ही, विकास का फायदा समाज के सभी वर्गों, विशेषकर वंचितों और हाशिए पर पड़े लोगों तक पहुंचना चाहिए।’’
अधिकारी मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में 126वें प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं।
राष्ट्रपति ने अधिकारियों को उनकी पदोन्नति और भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल होने पर बधाई दी और कहा कि उन्हें अपनी नयी भूमिका में दूसरों को प्रेरित करना चाहिए और उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को अपने आसपास के लोगों को भी सार्वजनिक सेवा में उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि नागरिक-केंद्रित प्रशासन लोगों के कल्याण को प्राथमिकता देता है तथा गरीबों तथा वंचितों पर ध्यान केंद्रित करता है।
मुर्मू ने उन्हें यह सुनिश्चित करने की सलाह दी कि नीतियों और कार्यक्रमों का क्रियान्वयन इस तरह से किया जाए कि लोगों की चिंताओं का प्रभावी ढंग से समाधान हो सके।
उन्होंने कहा कि उनके द्वारा लिए गए निर्णय और उनके द्वारा लागू की गई नीतियां देश और लोगों के विकास में योगदान देने वाली होनी चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण क्षरण की चुनौतियों से निपटने के लिए पर्यावरण अनुकूल योजनाओं को बढ़ावा देना आवश्यक है।