हमारे उद्योग में हर तरह की फिल्म बनाने की क्षमता : रीमा कागती

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Reema-Kagti

नयी दिल्ली, छह मार्च (भाषा) ‘सुपरबॉयज ऑफ मालेगांव’ की निर्देशक रीमा कागती का मानना है कि भारतीय फिल्म उद्योग में सिर्फ बड़े सितारों वाली मसाला फिल्म ही नहीं, बल्कि हर तरह की फिल्म बनाने की क्षमता है और दर्शक भी ऐसी फिल्मों को अच्छी प्रतिक्रिया देते हैं।

मालेगांव के फिल्मकार नासिर शेख के जीवन पर आधारित ‘सुपरबॉयज ऑफ मालेगांव’ ने पिछले हफ्ते सिनेमाघरों में दस्तक दी।

‘हनीमून ट्रैवल प्राइवेट लिमिटेड’, ‘तलाश’ और ‘दहाड़’ जैसी फिल्मों के लिए दर्शकों के साथ-साथ समीक्षकों की भी वाहवाही लूटने वाली रीमा ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ साक्षात्कार में उम्मीद जताई कि लोग तथाकथित “कम चर्चित नामों वाली” फिल्मों को देखने के लिए सिनेमाघरों में जाएंगे और ओटीटी पर उनके प्रदर्शन का इंतजार नहीं करेंगे।

रीमा ने कहा, “ऐसी फिल्मों के प्रदर्शन को लेकर चिंता होती है, जिनसे कोई बड़ा नाम या सितारा नहीं जुड़ा होता है, लेकिन मैं सोशल मीडिया पर लोगों को हमेशा यह सवाल करते हुए देखती हूं कि हम नए अभिनेताओं और लेखकों को मौका क्यों नहीं देते?”

उन्होंने कहा, “और सच कहूं तो, बहुत से लोगों ने अच्छी फिल्म बनाई हैं, जिन्हें सिनेमाघरों में दर्शक नहीं मिलते। और फिर ये ओटीटी मंच पर आती हैं और हर कोई इनकी तारीफों में कसीदे पढ़ने लगता है तथा इन्हें कमतर आंकी गई फिल्मों में शुमार करने लगता है। लेकिन, वास्तव में आपने एक दर्शक के रूप में इन फिल्मों को कमतर आंका, क्योंकि जब आप खुद इन्हें देखने नहीं गए, तो आप दूसरे से सवाल नहीं कर सकते कि उन्होंने इन फिल्मों को क्यों नहीं देखा।”

रीमा ने माना कि फिल्म उद्योग ने पिछले साल अच्छा कारोबार नहीं किया, लेकिन उन्होंने कहा कि सफलता और असफलता दोनों जीवन का हिस्सा हैं।

उन्होंने कहा, “इंडस्ट्री में बहुत सारी प्रतिभाएं, सपने और निर्माता हैं। इसलिए मुझे नहीं लगता कि एक खराब साल को अंत के तौर पर देखा जाना चाहिए… मेरा मानना ​​है कि हमारी इंडस्ट्री में हर तरह की फिल्म बनाने की क्षमता है, क्योंकि यही एक फलते-फूलते उद्योग की पहचान है। और हमारे दर्शकों में भी अलग-अलग तरह की फिल्मों को स्वीकार करने की क्षमता है, सिर्फ बड़े सितारों से सजी मसाला फिल्मों को ही नहीं।”

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