सरकार महिला दिवस पर राष्ट्रीय कार्यक्रम आयोजित करेगी, राष्ट्रपति मुर्मू होंगी शामिल

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नयी दिल्ली, छह मार्च (भाषा) महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि सरकार आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को राष्ट्रीय कार्यक्रम के रूप में मनाएगी और इसकी विषयवस्तु ‘‘नारी शक्ति के साथ विकसित भारत’’ होगी।

अन्नपूर्णा देवी ने एक वीडियो संदेश में कहा कि आठ मार्च को यहां विज्ञान भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की उपस्थिति में राष्ट्रीय स्तर पर परामर्श कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने एक बयान जारी कर राष्ट्रीय, जातीय, भाषायी, सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनीतिक सीमाओं से परे महिलाओं की उपलब्धियों को मान्यता देने के एक वैश्विक अवसर के रूप में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के महत्व पर बल दिया।

अन्नपूर्णा देवी ने कहा, ‘‘सरकार आठ मार्च को ‘नारी शक्ति के साथ विकसित भारत’ की विषय वस्तु पर आयोजित एक राष्ट्रीय कार्यक्रम के रूप में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाएगी, जिसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शामिल होंगी।’’

बयान में कहा गया है कि 2025 का विशेष महत्व है क्योंकि यह ‘बीजिंग घोषणा और कार्रवाई मंच’ की 30वीं वर्षगांठ है, जो ऐसा ऐतिहासिक दस्तावेज है जिसने वैश्विक महिला अधिकार एजेंडे को बदल दिया है।

इसमें कहा गया है, ‘‘घोषणापत्र ने कानूनी संरक्षण, सेवाओं तक पहुंच, युवाओं की भागीदारी और पुराने सामाजिक मानदंडों एवं रूढ़ियों को खत्म करने की दिशा में प्रगति को बढ़ावा दिया है। भारत में सरकार विभिन्न नीतियों, योजनाओं और विधायी उपायों के माध्यम से महिला सशक्तीकरण और लैंगिक समानता की दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रही है।’’

बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से पहले एक विशेष पहल करते हुए देशभर की महिलाओं को ‘नमो ऐप ओपन फोरम’ पर अपनी प्रेरक जीवन यात्रा साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया।

उन्होंने विविध पृष्ठभूमि की महिलाओं की दृढ़ता और उपलब्धियों की प्रशंसा करते हुए घोषणा की कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर कुछ चुनिंदा महिलाएं एक दिन के लिए उनके सोशल मीडिया अकाउंट को संभालेंगी और अपने अनुभवों को साझा करेंगी।

मंत्रालय ने विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से कई पहलों की रूपरेखा भी प्रस्तुत की।

उसने कहा कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ (बीबीबीपी) और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 जैसे कार्यक्रमों ने शिक्षा में लैंगिक समानता में उल्लेखनीय सुधार किया है।

बयान में कहा गया कि उच्च शिक्षा में महिलाओं का पंजीकरण 2.07 करोड़ तक पहुंच गया है, जो कुल पंजीकरण का लगभग 50 प्रतिशत है।

इसमें कहा गया है कि विज्ञान ज्योति और ‘ओवरसीज फेलोशिप’ जैसी योजनाएं लड़कियों के लिए ‘स्टेम’ (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) शिक्षा को बढ़ावा देती हैं।

बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) और पोषण अभियान जैसी योजनाओं से मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य में सुधार हुआ है।

मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री जन धन योजना और मुद्रा योजना जैसी वित्तीय समावेशन योजनाओं ने महिला उद्यमियों को सशक्त बनाया है और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के तहत 10 करोड़ से अधिक महिलाएं स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) से जुड़ी हैं।

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