सीमित ओवरों के प्रारूप में भारतीय टीम के खेवनहार बने अक्षर पटेल

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दुबई, छह मार्च (भाषा) चैंपियंस ट्रॉफी के ग्रुप चरण के मैच में न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत की जीत के बीच में जब केन विलियमसन खड़े थे तब अक्षर पटेल ने इस स्टार बल्लेबाज का विकेट लेकर फिर से साबित किया कि वह भारतीय टीम के नए खेवनहार हैं।

न्यूजीलैंड के सामने तब 250 रन का लक्ष्य था और विलियमसन 81 रन बनाकर खेल रहे थे। उन्होंने अक्षर पटेल की गेंद पर आगे बढ़कर लंबा शॉट खेलना चाहा लेकिन गेंद ने उन्हें गच्चा दिया और बाकी काम विकेटकीपर केएल राहुल ने पूरा कर दिया।

अक्षर के 10 ओवर के कोटे की यह अंतिम गेंद थी जिसने मैच का रुख भारत की तरफ मोड़ दिया था। इस पर हालांकि किसी का बहुत ध्यान नहीं गया क्योंकि इसी मैच में उनके साथी स्पिनर वरुण चक्रवर्ती ने पांच विकेट लेकर सबका ध्यान खींच दिया था।

एक समय माना जाता था कि रविंद्र जडेजा जैसी समानता रखने के कारण अक्षर को अधिक मौके नहीं मिलेंगे। यह भी सच है कि उन्हें अपने इस सीनियर साथी की छाया से बाहर निकालने के लिए संघर्ष करना पड़ा।

उन्होंने अपने लिए रास्ता बनाने के लिए 2022 से अपनी बल्लेबाजी पर काम किया और टीम प्रबंधन ने जब उन्हें पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए भेजा तो वह अपेक्षाओं पर पूरी तरह से खरा उतरे। इससे पहले अक्षर ने वेस्टइंडीज के खिलाफ बारबाडोस में नाबाद 64 रन की पारी खेल कर अपनी बल्लेबाजी में सुधार का संकेत दिया था।

अक्षर ने कहा, ‘‘वेस्टइंडीज के खिलाफ उस मैच के बाद मुझे लगने लगा कि मैं मैच का अच्छी तरह से समापन कर सकता हूं। मुझे जब वह आत्मविश्वास मिला तो फिर मैंने इस बारे में ज्यादा सोचना बंद कर दिया कि मुझे अपनी बल्लेबाजी को लेकर किसी के सामने कुछ साबित करना है।’’

अनुभवी राहुल की जगह अक्षर को पांचवें नंबर पर उतारने का टीम प्रबंधन का फैसला जोखिम भरा था लेकिन उन्हें इस ऑलराउंडर पर पूरा भरोसा था। अक्षर पिछले साल श्रीलंका के खिलाफ कोलंबो में खेले गए दूसरे वनडे मैच से नियमित रूप से पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी कर रहे हैं। उन्होंने पहले मैच में ही 44 रन बनाकर जतला दिया था कि वह इस चुनौती के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

अक्षर ने इसके बाद पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 52, नाबाद 41, 8, नाबाद 3, 42 और 27 रन बनाए हैं। यह आंकड़े भले ही आकर्षक नहीं हों लेकिन महत्वपूर्ण यह है कि उन्होंने मुश्किल परिस्थितियों में यह जिम्मेदारी संभाली।

इससे भारत को मध्यक्रम में दाएं और बाएं हाथ के बल्लेबाज का संयोजन तैयार करने में भी मदद मिली। राहुल के पहली पसंद का विकेटकीपर होने के कारण ऋषभ पंत के नहीं खेलने से भारत के लिए यह संयोजन बेहद महत्वपूर्ण साबित हुआ।

भारत के मुख्य कोच गौतम गंभीर भी इस बात से खुश है कि उन्होंने अक्षर को पांचवें नंबर पर उतारने का जो जुआ खेला था वह सही साबित हुआ।

गंभीर ने कहा, ‘‘हम अक्षर की योग्यता और क्षमता को जानते हैं और हमने उसे पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करने का लगातार मौका दिया है ताकि वह अच्छा प्रदर्शन करना जारी रखे। उसने जब से पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करनी शुरू की तब से उसने अच्छा योगदान दिया है।’’

कप्तान रोहित शर्मा ने कहा कि इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू वनडे श्रृंखला से पहले ही अक्षर को टीम में उनकी भूमिका को लेकर स्पष्ट कर दिया गया था।

उन्होंने कहा, ‘‘‘इंग्लैंड के खिलाफ वनडे श्रृंखला से पहले उसे स्पष्ट संदेश दे दिया गया था कि चाहे किसी भी तरह की स्थिति हो उसे पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करनी है। उसने पिछले साल से अपनी बल्लेबाजी में काफी सुधार किया है और इसलिए हमें लगा कि मध्यक्रम में हम उसकी बल्लेबाजी का फायदा उठा सकते हैं।’’

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