स्टाइल स्टेटमेंट का है जमाना

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मिडिल क्लास को बिलांग करने वाली पूनम के व्यक्तित्व से उसकी हमउम्र लड़कियां इतनी प्रभावित रहतीं कि वो जो कुछ पहनती, वे वही चीजें खरीदने में जुट जातीं। वो कौन से ब्यूटीपार्लर जाती है, कौन सा कॉस्मेटिक इस्तेमाल करती है, कौन से कलर के बाल कलर करवाती है, कैसे उनमें स्ट्रीक्स डलवाती है, वे सब कुछ जान लेना चाहतीं।
ऑफिस में पुरूषों की निगाहें भी ऊपर से नीचे तक उसका मुआयना करतीं। दिल आहें भरता। बैचलर सोचते, काश! ये उन्हें लिफ्ट देे। मैरिड पुरूष सोचते काश! उनकी बीवी भी ऐसे ही स्टाइल में रहना सीख ले।
ऐसा नहीं था कि पूनम अपना सारा वेतन अपने फैशन व रख रखाव पर खर्च देती थी। बस उसे फैशन का टैंªड पता रहता था। उसी के अनुसार वह अपनी सज धज रखती। सिंपल आउटफिट होने पर भी जब वह आंखों पर बड़े-बड़े ट्रैन्डी सनग्लासेज चढ़ा कर पटरी से खरीदी गई फंकी रिस्टवॉच पहन स्टाइलिश बैग झुलाती ऑफिस जाती तो अपने व्यक्तित्व से हर छोटे बड़े को प्रभावित कर देती।
फैशनेबल लुक और स्टाइल स्टेटमेंट दर्ज कराने के लिये जिन कुछ खास चीजों को महत्त्व देना चाहिए वे हैं एक्सेसरीज़। ये आपके फैशनेबल लुक को मुकम्मल बनाती हैं। महंगी से महंगी पोशाक भी तभी सजती है जब पैरों में भी उतने ही खूबसूरत चप्पल, सैंडिल, जूतियां हों। आजकल मार्केट में हर रेंज के फुटवेयर मिलेंगे। पार्टीवीयर के लिए नगजड़ी कामदार खूबसूरत सुनहरी चप्पलें या कशीदाकारी की हुई जूतियां या डिजाइनर एक से एक स्टाइलिश फुटवेयर उपलब्ध हैं। बस आपको ड्रेस के हिसाब से मैंिचंग फुटवीयर का चयन करना है। निश्चय ही अपने बजट को ध्यान में रखें।
ऑफिस की स्मार्ट ड्रेस के साथ अलग ही सैंडिल पैरों की शोभा बढ़ाएंगे। ट्राउज़र सूट के साथ पिंक सैंडिल्स सजेंगे तो बूटकट ट्राउजर के साथ जंगली नमूने वाले जूते गज़ब ढाएंगे।
जूते चप्पलों को कभी कमतर न आंकंे। मौके के अनुसार ही ये ठीक रहते हैं। अब जैसे काम के समय जरूरी है कि आप आरामदेह चप्पलें चूज़ करें। भारतीय पहनावे के साथ कोल्हापुरी या गोल्डसिल्वर का मिक्स्ड टच लिए चप्पलें खूब सजेंगी।
आजकल लड़कियां ऊंची एड़ी की चप्पलों की बहुत शौकीन हैं। उनमें भी पेंसिल हील वे काफी पसंद करती हैं। ये शादी ब्याह, पार्टीज वगैरह में तो ठीक रहती हैं लेकिन हर समय हर जगह नहीं। ऑफिस, शॉपिंग आदि जगहों के लिए आरामदायक सैंडिल, चप्पलें होनी चाहिए ताकि पैरों में थकान न हो।
जूतांे के कलर बदल कर पहनेंगी तो एक ही कलर से बोर नहीं होंगी। बस ध्यान रहे कि कलर न्यूट्रल हो जो हर कलर की डेªस के साथ चल जाए।
हैंडबैग और पर्स
हैंडबैग या पर्स आपकी रूचि मूक भाषा में बयान करता है। यह खास एक्सेसरी है इसलिए इसे ध्यान से सोच समझकर ही खरीदें। ऐसा पर्स होना चाहिए जो फैशन से जल्दी आउट न हो और आपके व्यक्तित्व और उम्र से तालमेल रखता हो। फनी न लगता
हो बल्कि एवरग्रीन डिज़ाइन कलर हो।
अगर आपके पास लिमिटेड बजट है और आप अभी एक ही बैग खरीदना अफोर्ड कर सकती हैं तो टैन या बरगंडी शेड में लें और अगर आप दो पर्स खरीदना अफोर्ड कर सकती है तो काला और ऑफ व्हाइट कलर पसंद करें।
बड़े बैग पार्टीज वगैरह में नहीं चलते, हां, मीडियम साइज़ आपके दोहरे काम आ सकते हैं यानी कि फॉर्मल और इनफॉर्मल दोनों जगह।
वैसे पार्टीज के लिये छोटे डिज़ाइनर पर्स सही रहते हैं। इनकी रेंज भी बहुत है। हैंडीक्राफ्ट्स के सुंदर नमूने वाले मोतियों तथा नग जड़े मखमली रेशमी जूट तथा लैदर के कढ़ाईवाले फैंसी डिज़ाइनदार आदि। कलर ऐसे लें जो आपकी फॉर्मल डेªस के साथ जातेे हों जैसे काला, सुनहरी, सिल्वर कलर, कॉपर कलर, बरगंडी, भूरा इत्यादि।
गहनों के बिना बात न बनेगी। हालांकि ऑफिस में कम से कम गहने ही ठीक रहेंगे लेकिन महिलाएं और गहने एक दूसरे के पर्याय हैं। अब यह आपको देखना है कि कैसे गहने आप पर सजेंगे। पार्टीज की बात और है। वहां आप असली, नकली भारी भरकम ज्यूलरी पहन सकती हैं लेकिन ऑफिस के लिये एक बड़े नगीने वाली सोने या प्लेटिनम की सोफियानी अंगूठी, कलरफुल बीड्स की माला, एंटीक लुक्स वाला ब्रेसलेट, मोती या डायमंड के टॉप्स पहन कर गहनों का शौक पूरा कर सकती हैं।
अपने को कैसे कैरी करती हैं, यह भी स्टाइल का अहम हिस्सा है। आपकी बॉडी लैंग्वेज आपका कल्चरल बैकग्राउंड दर्शाती है। स्मार्ट लुक्स आपका कॉनफिडेंस लेवल बढ़ाते हैं। लुक्स वंशानुगत मिलते हैं लेकिन उसे आप कैसे मनभावन, शक्तिशाली बनाती हैं, यह आपके स्टाइल और एटीट्यूड पर निर्भर करता है।
जमाने के साथ जरूर चलें लेकिन अपनी सीमाएं पहचान कर। चीजों के पीछे उतना ही भागें जितनी जरूरत है। जरूरी नहीं कि मैचिंग एक्सेसरीज न मिल रही हों तो अपना चैन खोकर तनावग्रस्त हो जाएं। अपनी कल्पनाओं को पंख लगायें, कुछ ओरिजनल सोचें। हो सकता है आप स्वयं ही फैशन आइकॉन बन जाएं।
कब कौन सा स्टाइल फैशन बन जाए, कहा नहीं जा सकता लेकिन  ब्यूटीफुल हमेशा डिमांड में रहेगा। नकल से हटकर भी फैशन हो सकता है। आपके अपने ऊपर बहुत कुछ निर्भर है। ओरिजनेलिटी की बात ही कुछ और है।
 

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