ढाका, पांच मार्च (भाषा) बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने कहा है कि ढाका ने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग करते हुए भारत को ‘‘औपचारिक पत्र’’ भेजे थे, लेकिन नयी दिल्ली से ‘‘कोई आधिकारिक जवाब’’ नहीं मिला।
सरकारी समाचार एजेंसी ‘बीएसएस’ की खबर के अनुसार, ब्रिटेन के चैनल ‘स्काई न्यूज’ को दिये साक्षात्कार में यूनुस ने कहा कि हसीना पर ‘‘मानवता के खिलाफ अपराध’’ के लिए मुकदमा चलाया जायेगा।
बांग्लादेश में पिछले वर्ष छात्रों के नेतृत्व में व्यापक पैमाने पर हुए प्रदर्शन के बाद हसीना (77) भारत आ गई थीं और वह गत पांच अगस्त से भारत में रह रही हैं।
बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) ने हसीना और कई पूर्व कैबिनेट मंत्रियों, सलाहकारों और सैन्य एवं असैन्य अधिकारियों के खिलाफ ‘‘मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार’’ के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।
यूनुस ने कहा, ‘‘मुकदमा चलाया जाएगा। न केवल उनके (हसीना) खिलाफ, बल्कि उनसे जुड़े सभी लोगों के खिलाफ भी।’’
बांग्लादेश ने उनके खिलाफ दो गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं।
यूनुस ने कहा कि उन्होंने ‘‘औपचारिक पत्र’’ भेजे थे, लेकिन नयी दिल्ली से ‘‘कोई आधिकारिक जवाब’’ नहीं मिला।
पिछले वर्ष भारत ने नयी दिल्ली स्थित बांग्लादेश उच्चायोग से ‘नोट वर्बल’ या राजनयिक संदेश प्राप्त होने की पुष्टि की थी, लेकिन इस पर टिप्पणी करने से परहेज किया था।
‘नोट वर्बल’ कूटनीतिक संचार का एक तरीका है। इसका इस्तेमाल किसी देश की स्थिति बताने या किसी काम का अनुरोध करने के लिए किया जाता है।
यूनुस ने हालांकि जोर देकर कहा कि हसीना को मुकदमे का सामना करना होगा।
हसीना, सेना और पुलिस पर जुलाई और अगस्त में प्रदर्शनकारियों पर हिंसक कार्रवाई करने का भी आरोप है।
हसीना ने इन आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि उन्हें राजनीतिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है।