जिसकी जैसी दृष्टि, उसको वैसी ही सृष्टि महाकुंभ में देखने को मिली: मुख्यमंत्री आदित्यनाथ
Focus News 5 March 2025 0
लखनऊ, पांच मार्च (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को दावा किया कि 45 दिनों का महाकुंभ आयोजन अपराधमुक्त रहा और उन्होंने यह भी पूछा कि यह सामाजिक अनुशासन नहीं है तो और क्या है।
उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि जिसकी जैसी दृष्टि थी उसको वैसी ही सृष्टि प्रयागराज महाकुंभ में देखने को मिली।
मुख्यमंत्री ने विधान परिषद में बजट पर चर्चा के दौरान कहा, ”महाकुंभ में 66 करोड़ 30 लाख से ज्यादा श्रद्धालु आये और इन 45 दिनों (प्रयागराज में महाकुंभ की आयोजन अवधि) मे प्रयागराज हो, उत्तर प्रदेश हो, कहीं कोई लूट की घटना नहीं हुई, कोई अपहरण की घटना नहीं हुई। कोई दुष्कर्म व बलात्कार की घटना नहीं हुई, कोई भी छेड़छाड़ नहीं हुई, कोई भी ऐसी घटना नहीं हुई जिसके बारे में कोई अपने आप को शर्मिंदा महसूस करे। यह सामाजिक अनुशासन नहीं है तो और क्या है?’’
उन्होंने कहा, ‘‘एकात्मता का इससे अच्छा उदाहरण और क्या हो सकता है। जाति की सारी सीमाएं टूट गई। कोई जाति का भेद नहीं, कोई पंथ का भेद नहीं, संप्रदाय का भेद नहीं, कोई क्षेत्र का भेद नहीं, देश की सीमाओं को भी लांघने वाले वसुधैव कुटुम्बकम के भाव को जागृत करने वाले महाकुंभ ने एक नया संदेश दुनिया को दिया है।’’
आदित्यनाथ ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘जब महाकुंभ का आयोजन हो रहा था उस समय हम लोग इस बात का अनुभव कर रहे थे कि बहुत सारे ऐसे माननीय सदस्य थे, या ऐसी पार्टियां थीं, ऐसे संगठन थे जो तमाम तरह के अनर्गल प्रलाप कर रहे थे लेकिन उस सबसे इतर रहकर के हम लोग उन सभी घटनाओं के मौन साक्षी बनकर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे थे।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘भगवान श्री कृष्ण ने भी श्रीमद् भागवत गीता में इस बात का उल्लेख किया है कि मुझे जो जिस रूप में स्मरण करता है मैं उसी रूप में उसको दिखाई देता हूं। मुझे लगता है कि जिसकी जैसी दृष्टि थी उसको वैसी ही सृष्टि प्रयागराज में देखने को मिली।’’
आदित्यनाथ ने कहा कि कुंभ के बारे में चर्चा वही कर सकता है जिसने महाकुंभ का दर्शन किया हो।
मुख्यमंत्री ने एक लेख को उद्धत करते हुए किसी का नाम लिये बगैर कहा, ‘‘क्या पता कि ऐसे ही निंदकों के प्रतिकार में इस महाकुंभ में इतने रिकॉर्ड तोड़ श्रद्धालु आए ताकि दुनिया जान ले कि समस्त हिंदू समाज एक है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जो लोग कभी प्रदूषण को लेकर, कभी व्यवस्था को लेकर, कभी किसी अन्य छोटी खबर को लेकर तमाम प्रकार से इस महाकुंभ के आयोजन को किसी न किसी प्रकार से हतोत्साहित करना चाहते थे लेकिन उन सब निंदकों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए जनता जनार्दन प्रतिकार के रूप में भी वहां पर उपस्थित होती दिखाई दी।’’
आदित्यनाथ ने कहा कि 2014 में नमामि गंगे परियोजना से पहले उत्तर प्रदेश में बिजनौर से बलिया तक एक हजार किलोमीटर के प्रवाह क्षेत्र में कानपुर में पिछले 125 वर्षों से सीसामऊ में चार करोड़ लीटर सीवर जल प्रतिदिन गंगा में घोला जाता था।
उन्होंने कहा कि भाजपा को अवसर मिला तो सरकार ने सीसामऊ के उस ‘सीवर प्वाइंट’ को ‘सेल्फी प्वाइंट’ बनाने का काम किया और आज कानपुर में सीवर की एक भी बूंद गंगा में नहीं जाती है।
उन्होंने प्रयागराज संगम पर पानी की शुद्धता को लेकर उठे विवाद की तरफ इशारा करते हुए कहा, ‘‘केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जो भी नमूने लिए जाते थे वह दूसरों से लेते थे, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार का जो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड है उसके अपने नमूने एकत्र होते थे और प्रयोगशाला भी मौजूद है। हमने कोई आउटसोर्स नहीं किया बल्कि स्वयं के मानव संसाधन से सारे नमूने लेते थे।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हम लोग देखते थे कि जिन क्षेत्रों में खासतौर पर आबादी वाले क्षेत्रों में जहां भैंस-गाय नदी में नहाती हैं तो पानी में फीकल कॉलीफॉर्म की मात्रा बढ़ती है। लेकिन संगम में जब भी नमूने लिए गए तो वे शुद्धता के सभी मानकों को पूरा करते हुए दिखाई दिए हैं। जनवरी से लेकर फरवरी तक हर नमूना वहां पर खरा उतरा है।’’
उन्होंने महाकुंभ के दौरान काशी और अयोध्या में भी बड़ी तादाद में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने का जिक्र करते हुए कहा कि इन धार्मिक नगरियों के आम लोगों ने अपनी असुविधाओं की परवाह न करते हुए अतिथि सत्कार की भावना प्रदर्शित की।
मुख्यमंत्री ने समाजवादी पार्टी के सदस्यों से मुखातिब होते हुए कहा, ‘‘आप पीडीए (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक) की बात करते हैं। मैं तो एक नाविक की चर्चा कर रहा हूं। एक नाविक परिवार जिसके पास 130 नौकाओं का बेड़ा है, उसने महाकुंभ में 13 जनवरी से लेकर 26 फरवरी के बीच 30 करोड़ रुपए कमाए हैं। आप मुझे बताइए कि क्या इतना पैसा कभी कोई कमा सकता है? प्रतिदिन का अगर आप औसत देखें तो एक नौका से उनकी प्रतिदिन 50 से 55 हजार रुपए की कमाई हुई थी।’’
आदित्यनाथ ने कहा, ”कौन तबका ऐसा था जिसने महाकुंभ में धन ना कमाया हो। हमारा अनुमान है कि इससे उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में साढ़े तीन लाख करोड़ रुपए से अधिक का योगदान हुआ है।’’