मोदी का रोजगार सृजन के लिए कौशल विकास, नवोन्मेषण में निवेश का आह्वान
Focus News 5 March 2025 0
नयी दिल्ली, पांच मार्च (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को सभी हितधारकों से रोजगार सृजन के लिए कौशल विकास और नवोन्मेषण में निवेश करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि रोजगार सृजन और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए ऐसा करना जरूरी है।
बजट के बाद आयोजित एक वेबिनार में मोदी ने कहा कि सरकार ने 2014 से तीन करोड़ युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया है।
उन्होंने कहा कि 1,000 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को उन्नत करने और पांच उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने का फैसला भी किया गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि क्षमता निर्माण और प्रतिभा पोषण राष्ट्रीय विकास के लिए आधारशिला के रूप में कार्य करते हैं। विकास के अगले चरण में इन क्षेत्रों में अधिक निवेश जरूरी है।
उन्होंने कहा, ‘‘लोगों में निवेश की दृष्टि तीन स्तंभों – शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और कौशल विकास पर आधारित है।’’
उन्होंने कहा कि सभी हितधारकों को आगे आना चाहिए, क्योंकि वे भारतीय अर्थव्यवस्था की सफलता की कुंजी हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है और देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) जल्द ही 5,000 अरब अमेरिकी डॉलर के स्तर पर पहुंच जाएगा। देश की अर्थव्यवस्था का आकार इस समय 3,800 अरब डॉलर है।
उन्होंने कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था एक दशक (2015-2025) में 66 प्रतिशत बढ़ी है। भारत वर्तमान में 3,800 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था है और जल्द ही 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए तैयार है।’’
मोदी ने कहा कि सरकार ने युवाओं को नए अवसर और व्यावहारिक कौशल देने के लिए ‘पीएम इंटर्नशिप’ योजना शुरू की है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर स्तर पर व्यवसाय इस योजना में सक्रिय रूप से भाग लें। इस साल के बजट में, हमने 10,000 अतिरिक्त मेडिकल सीट की घोषणा की है। अगले पांच साल में चिकित्सा क्षेत्र में 75,000 और सीट जोड़ने का लक्ष्य है।’’
प्रधानमंत्री ने पर्यटन क्षेत्र को बुनियादी ढांचे का दर्जा देने के सरकार के फैसले के बारे में भी बात की और कहा कि इससे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
उन्होंने उद्योग जगत से स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश करने का आग्रह किया और रोजगार सृजन के लिए चिकित्सा पर्यटन की संभावनाओं पर भी जोर दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘बड़ी आबादी की जरूरतों को पूरा करने के लिए योजनाबद्ध शहरीकरण जरूरी है। हमने शहरी चुनौती कोष के लिए एक लाख करोड़ रुपये आवंटित करने का फैसला किया है। निजी क्षेत्र, खासकर रियल एस्टेट उद्योग को योजनाबद्ध शहरीकरण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने बुनियादी ढांचा क्षेत्र के बराबर कौशल विकास को महत्व दिया है।
उन्होंने कहा कि एआई से अर्थव्यवस्था में लाखों करोड़ रुपये का योगदान मिल सकता है।
‘‘इस दिशा में, हमने बजट में एआई आधारित शिक्षा और शोध के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।’’
उन्होंने यह भी कहा कि भारत एआई क्षमता के विकास के लिए राष्ट्रीय लार्ज लैंग्वेज मॉडल स्थापित करेगा।