नयी दिल्ली, चार मार्च (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि देश भर में छह करोड़ से अधिक एमएसएमई को समय पर और कम लागत वाले ऋण तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए ऋण वितरण के नए तरीके विकसित करने की आवश्यकता है।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिए बजट के बाद आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पहली बार उद्यमी बनने वाली पांच लाख महिलाओं, अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के उद्यमियों को दो करोड़ रुपये तक का ऋण प्रदान किया जाएगा।
मोदी ने कहा, “हमें ऋण वितरण के लिए नए तरीके विकसित करने की आवश्यकता है, ताकि एमएसएमई को कम लागत और समय पर ऋण मिल सके। पहली बार उद्यम करने वाले पांच लाख महिलाओं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों को दो करोड़ रुपये तक का ऋण प्रदान किया जाएगा।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज दुनिया अनिश्चित राजनीतिक माहौल से गुजर रही है और पूरी दुनिया भारत को ‘विकास केंद्र’ के रूप में देख रही है।
उन्होंने कहा कि 14 क्षेत्रों के लिए शुरू की गई उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना से 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हुआ और कुल उत्पादन 13 लाख करोड़ रुपये से अधिक का हुआ।
प्रधानमंत्री मोदी ने देश के लिए विनिर्माण और निर्यात के नए अवसर खोलने की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए कहा, “हमने केंद्र और राज्य स्तर पर 40,000 से अधिक अनुपालनों को समाप्त कर दिया है, जिससे कारोबारी सुगमता बेहतर हुई है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “आज हर देश भारत के साथ अपनी आर्थिक साझेदारी को मजबूत करना चाहता है। हमारे विनिर्माण क्षेत्र को इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए।”