नयी दिल्ली, तीन मार्च (भाषा) नये ठेके और उत्पादन में कम वृद्धि के बीच फरवरी में भारत के विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर 14 महीने के निचले स्तर पर आ गई। एक मासिक सर्वेक्षण में सोमवार को यह जानकारी दी गई।
मौसमी रूप से समायोजित एचएसबीसी भारत विनिर्माण खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) फरवरी में 56.3 अंक पर रहा, जो जनवरी के 57.7 अंक से कम है। हालांकि, विनिर्माण पीएमआई ‘विस्तारकारी’ क्षेत्र में बना हुआ है।
पीएमआई की भाषा में 50 से ऊपर अंक विस्तार को दर्शाता है, जबकि 50 से नीचे का अंक गतिविधियों में संकुचन का संकेत है।
एचएसबीसी के भारत में मुख्य अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा, ”हालांकि, दिसंबर 2023 के बाद से उत्पादन वृद्धि सबसे कमजोर स्तर पर आ गई है, लेकिन भारत के विनिर्माण क्षेत्र में कुल मिलाकर गति फरवरी में व्यापक रूप से सकारात्मक रही।”
सर्वेक्षण में कहा गया कि जनवरी के 14 साल के उच्चतम स्तर से कम होने के बावजूद विस्तार की गति तेज थी।
सर्वेक्षण में यह भी कहा गया कि फरवरी में नए निर्यात ऑर्डर में जोरदार वृद्धि हुई, क्योंकि निर्माताओं ने अपने माल की मजबूत वैश्विक मांग का लाभ उठाना जारी रखा।
नौकरी के मोर्चे पर, विनिर्माताओं ने फरवरी में अपने कर्मचारियों की संख्या में विस्तार करना जारी रखा।