परीक्षा पे चर्चा @2025

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शिक्षा समाज का आधार है। शिक्षा समाज को शक्ति, गति, मति सभी कुछ देती है। शिक्षित राष्ट्र अपने युवाओं को सही दिशा दे सकता है। शिक्षा ही हर समस्या  का समाधान निकालती है। शिक्षा विकास का प्रतीक है। श्रीविष्णु पुराण में लिखा गया है कि, सा विद्या या विमुक्तये, अर्थात विद्या वही है जो मुक्त करे। विद्या से ही अज्ञानता रूपी अंधकार मिट सकता है। गीता में भगवान कहते हैं, श्रद्धावान् लभते ज्ञानं तत्परः संयतेन्द्रियः। अर्थात् जिनकी श्रद्धा अगाध है और जिन्होंने अपने मन और इन्द्रियों पर नियंत्रण कर लिया है, वे दिव्य ज्ञान प्राप्त कर लेते हैं।

हमारे वेद, शास्त्र, पुराण आदि ज्ञान का अपार भंडार है। हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी अपने भाषणों, मन की बात कार्यक्रम, परीक्षा पे चर्चा, संसद की चर्चा, सभी में वेद, शास्त्र की सुक्तियों, श्लोकों आदि का प्रयोग करते हैं, उनका अर्थ बताते हुए जन-जन से सीधे जुड़ते हैं। मोदी जी देश के हर एक वर्ग के व्यक्ति से जुड़े रहते हैं, अलग-अलग कार्यक्रमों के माध्यम से उनसे सीधे संवाद करते हैं। सभी वर्गों के लिए अलग-अलग विकास योजनाएं चलाए हुए हैं।

प्रधानमंत्री जी देश के युवाओं से सीधे संवाद करते हुए परीक्षा पे चर्चा हर वर्ष कर रहे हैं। वर्ष 2018 से शुरु हुई यह चर्चा विद्यार्थियों के बीच लोकप्रिय है। इस चर्चा में देश के कोने-कोने के विद्यार्थी प्रधानमंत्री जी से परीक्षा से संबंधित अपने मन की बात कहते हैं, उनसे सीधे प्रश्न करते हैं। प्रधानमंत्री जी भी उनके उत्तर देते हैं। वर्ष 2025 में परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के  8वें संस्करण के आयोजन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी जी ने स्किल्स (कौशल) की महत्ता पर बात की। इस वर्ष मोदी जी ने देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 36 चुनिंदा छात्रों से बात की। यह चर्चा खुले प्राकृतिक वातावरण में एक सुंदर नर्सरी में हुई। प्रधानमंत्री जी ने कहा कि लोग मुझसे पूछते हैं कि आप प्रधानमंत्री नहीं होते, सिर्फ मंत्री होते तो कौन-सा विभाग आपको पसंद होता, तो मैंने जवाब दिया था कि मैं कौशल विकास विभाग की मांग करता।

“परीक्षा पे चर्चा” एक वार्षिक कार्यक्रम है. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री जी छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के साथ बातचीत करते हैं। इसमें प्रधानमंत्री जी परीक्षाओं से संबंधित तनाव और चुनौतियों पर चर्चा करते हैं। इस चर्चा का उद्देश्य छात्रों को परीक्षाओं के दौरान तनाव कम करने और सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने के लिए प्रेरित करना है। इस वर्ष की चर्चा में मोदी जी कहा कि फेल होने से जिंदगी अटक नहीं जाती। आपको तय करना होगा कि जीवन में सफल होना है या फिर किताबों से सफल होना है। जीवन में सफल होने का एक उपाय यह है कि जीवन की जितनी विफलताएं है, उन सभी को अपना टीचर बना लें। जीवन सिर्फ परीक्षाएँ नहीं है, उसको समग्रता में देखने की जरूरत है। जो खुद से स्पर्धा करता है उसका विश्वास कभी नहीं टूटता। मोदी जी बच्चों के अंदर एक आत्मविश्वास, नई चेतना और उमंग भर देते हैं। मोदी जी का यही सरल स्वभाव बच्चों को बहुत अच्छा लगता है। अभिभावक भी परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम का इंतजार करते हैं और कार्यक्रम की प्रशंसा करते हैं। मोदी जी भारतीय जनमानस से हृदय से सीधे जुड़े हुए हैं।

इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री जी छात्रों को परीक्षा की तैयारी के लिए सुझाव देते हैं। इस चर्चा में मोदी जी ने कहा कि, छात्र रोबट नहीं है। शिक्षा सिर्फ अगली कक्षा में बढ़ने के लिए नहीं है, बल्कि व्यापक निजी विकास के लिए है। मोदी जी छात्रों को अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करते हैं, उन्हें आत्मविश्वास और सकारात्मक दृष्टिकोण रखने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। रेडियो पर हो रही मन की बात की तरह यह कार्यक्रम भी लोकप्रिय के सभी रिकार्ड तोड़ चुका है। यह कार्यक्रम शिक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित किया जाता है। इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए, छात्रों को ऑनलाइन पंजीकरण करना होता है। पंजीकरण प्रक्रिया आमतौर पर दिसंबर में शुरू होती है और जनवरी तक चलती है।

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