भारत, यूरोपीय संघ ने एफटीए को अंतिम रूप देने के लिए वर्ष के अंत तक की समय सीमा तय की

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नयी दिल्ली, 28 फरवरी (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने इस वर्ष तक महत्वाकांक्षी भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को अंतिम रूप देने पर शुक्रवार को सहमति व्यक्त की।

दोनों नेताओं ने वार्ता के दौरान रक्षा, सुरक्षा और महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में भारत-यूरोपीय संघ रणनीतिक साझेदारी का विस्तार करने का संकल्प लिया। लेयेन ने घोषणा की कि यूरोपीय संघ (ईयू) अपने करीबी सहयोगियों जापान और दक्षिण कोरिया के साथ साझेदारी के अनुरूप भारत के साथ सुरक्षा और रक्षा समझौते को मजबूत करने पर विचार कर रहा है।

वैश्विक स्तर पर अपनी तरह का सबसे बड़ा व्यापार समझौता करने की समयसीमा दोनों पक्षों द्वारा पहली बार बातचीत शुरू करने के 17 साल बाद आई है। वर्ष 2013 में निलंबित की गई वार्ता समझौते के लिए जून 2022 में पुनः शुरू की गई थी।

मोदी ने कहा, ‘‘आज, हमने 2025 से आगे की अवधि के लिए भारत-यूरोपीय संघ साझेदारी के लिए एक साहसिक और महत्वाकांक्षी रूपरेखा बनाने का निर्णय लिया है। इसे अगले भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन के सामने लाया जायेगा।’’

भारत इस वर्ष के अंत में शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा।

यूरोपीय संघ द्वारा नयी दिल्ली से कार, शराब और कृषि उत्पादों पर शुल्क में कटौती की लगातार मांग के कारण इस समझौते के लिए बातचीत आगे नहीं बढ़ पा रही थी।

यूरोपीय संघ आयोग की अध्यक्ष ने, ‘कॉलेज ऑफ कमिश्नर्स’ या यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के वरिष्ठ राजनीतिक नेताओं के साथ बृहस्पतिवार को अपनी दो दिवसीय भारत यात्रा शुरू की। पिछले जून में हुए यूरोपीय संसदीय चुनावों के बाद यह पहली ऐसी यात्रा है।

अपने मीडिया वक्तव्य में मोदी ने निवेश को बढ़ावा देने के व्यापक प्रयासों के तहत निवेश संरक्षण समझौते के साथ-साथ भौगोलिक संकेतकों पर बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए दोनों पक्षों के संकल्प का संकेत दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने व्यापार, प्रौद्योगिकी, निवेश, नवाचार, हरित विकास, सुरक्षा, कौशल और गतिशीलता के क्षेत्रों में सहयोग के लिए एक खाका तैयार किया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमने अपनी टीमों को इस वर्ष के अंत तक पारस्परिक रूप से लाभकारी द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौता करने का निर्देश दिया है।’’

लेयेन ने कहा, ‘‘हमने अपनी टीमों को इस गति को बनाए रखने और इस वर्ष के अंत से पहले हमारे मुक्त व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने का काम सौंपा है।’’

प्रधानमंत्री ने रक्षा और सुरक्षा पर बढ़ते भारत-यूरोपीय संघ सहयोग को ‘‘पारस्परिक विश्वास’’ का प्रतीक बताया और कहा कि दोनों पक्ष साइबर सुरक्षा, समुद्री सुरक्षा और आतंकवाद रोधी अभियानों में सहयोग को आगे बढ़ाएंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘दोनों पक्ष हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, सुरक्षा, स्थिरता और समृद्धि के महत्व पर सहमत हैं।’’

मोदी ने कहा, ‘‘हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र और अफ्रीका में सतत और समावेशी विकास के लिए त्रिकोणीय विकास परियोजनाओं पर मिलकर काम करेंगे।’’

वॉन डेर लेयेन ने कहा कि अब समय आ गया है कि भूमि, समुद्र और अंतरिक्ष में भारत-यूरोपीय संघ सुरक्षा और रक्षा सहयोग को बढ़ाया जाए।

उन्होंने हिंद महासागर को ‘‘वैश्विक व्यापार के लिए जीवन रेखा’’ बताया और कहा कि इसकी सुरक्षा सुनिश्चित करना न केवल भारत के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए महत्वपूर्ण है।

यह टिप्पणी क्षेत्र में चीन के बढ़ते हस्तक्षेप के बीच आई है।

यूरोपीय आयोग की प्रमुख ने कहा, ‘‘हमें गिनी की खाड़ी और लाल सागर में अपने सफल अभियानों के आधार पर अपने संयुक्त नौसैनिक अभ्यासों के विस्तार पर भी विचार करना चाहिए।’’

मोदी ने भारत-यूरोपीय संघ की रणनीतिक साझेदारी को ‘स्वाभाविक और जैविक’ बताया और कहा कि यह लोकतांत्रिक मूल्यों में भरोसा और साझे विश्वास पर आधारित है।

संपर्क के मुद्दे पर मोदी ने कहा कि भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईईईसी) को आगे ले जाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि आईएमईईसी गलियारा वैश्विक वाणिज्य, सतत विकास और समृद्धि को आगे बढ़ाने के लिए एक इंजन साबित होगा।’’

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